चलते-चलते थक गए थे पाँव, दिख नहीं पाई कहीं दरख्त की छाँव रोजी-रोटी की तलाश में, छोड़ आया था गाँव पर मिल कहाँ पाया, कोई रहने का ठाँव पड़ोस के दीनू काका, के कहने पर ही तो आ गया था महानगर में, औकात से कुछ अधिक कमाने की कामना में, […]
जिस तरह हंसना-रोना,मुस्कुराना,खुश होना,उदास होना,प्यार- दुलार,ग़ुस्सा किसी इंसान के जीवन का अहम हिस्सा होते हैं,वैसे ही डर भी दिल और दिमाग का अविभाज्य अंग हैl यानी प्यार पर फिल्में बनाकर सैकड़ों बार बेची गई,वैसे ही बॉलीवुड से हॉलीवुड यहां तक कि,टॉलीवुड में भी हॉरर फिल्में बनाई गई और दर्शकों तक परोसी ओर […]