घाटी से उठी चिंगारी पूरा देश में धधक गया देखो डर के मारे सात हूरों खा ख्वाब दिखाने वाला अस्पतालों में छुप गया। इतना गरूर अगर था, तुम्हें सामने से आये होते सच कहता हूँ एक-एक जवान दस-दस पर भारी होते। घोखे तुम्हारी रग-रग में भरा मक्कारी की फसल बोते […]

बसन्त पंचमी बसंत का उपहार माँ शारदे विद्या दायिणी का त्योहार। श्वेत वस्त्र श्वेत फूल प्रसाद और श्वेत हंस पर सवार हाथो में पुस्तक बीणा लिए जन जन का करती उद्धार। जिस तरफ नजर देती विद्वता का होता बास सारे अवगुणो का आपकी महिमा से होता नाश। आपकी कृपा से […]

नदी पहाड़ और जंगल सुरक्षित रहेंगे तो होगा सबका मंगल ही मंगल। नदी की रफ्तार, बँध चुकी जबसे बही नही कभी मन से वायुमंडल में बढा दंगल ही दंगल। पहाड़ को बाँटकर टुकडो में हिला दिया उसका भी इरादा अब दंगल ही दंगल। जंगल की कटाई रास न आयी गर्मी […]

जयति जय जय मां सरस्वती जयति जय वीणावादिनी आए हैं हम शरण तेरी अज्ञान दूर कर मातु मेरी हे हंसवाहिनी शारदे कृपादृष्टि कर हे विमले पड़ती जिस पर मां तेरी परछाई जग करता नित उसकी प्रशंसा चाहे दुश्मन बने सारा जमाना होता ना उसका बालबांका हे ब्रह्माणी मां भगवती जयति […]

भारत माता एक बार फिर लहूलूहान हुई अपनो के खून से गूस्से में लाल हुई मिट चुका चालीस चमकता सितारा गूस्से में हर तरफ धधक रहा अंगारा अपनो को खोकर भी माताएँ पुत्र मोह में न कभी परेशान हुई देश सेवा और बदले की खातिर पोते को फौज में डालने […]

सुमन सरल विचित्र अभिलाषा अर्पित होऊ या गूथा जाऊँ मन को तनिक भी ठेस नही डाली से जब मै तोडा जाऊँ। सुन्दरता कूट कूट कर भरा हुआ है मुझमें प्रकृति भी मेरे बिन अधूरा मानव की तो बात मत पूछो मुझे अर्पित कर ही सफल होता है उसका जीवन सारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।