म.प्र.स्थापना दिवस पर विशेष मेरा प्रदेश है इतना सुन्दर नाम है इसका मध्यप्रदेश , कल-कल करता बहता झरना भेड़ाघाट कहाता है, पतित-पावन जल है जिसका वह नर्मदा कहलाती है। मेरा प्रदेश है….॥ माँ चामुंडा का तपवन है कहीं अहिल्या का राजवाडा़, हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई बसे हुए हर क्षैत्र में, जन्म लिया है […]

वे लोग जो बीच सफर में छोड़ जाते हैं, वही तो हमें अकेला चलना सिखाते हैं। समझ नहीं आता मुझे इश्क़ का फ़लसफ़ा, जब भी समझना चाहते हैं,उलझ जाते हैं। उनको देखकर मुस्कुराना मजबूरी है मेरी, ये अलग बात है नम आँखों से भी मुस्कुराते हैं। अश्क़ हमेशा तूफाँ बनकर […]

हारे के सहारे आ जा,तेरा भक्त पुकारे आजा, हम तो खड़े तेरे द्वार,सुन ले करुणा की पुकार… आओ नाथ पार्श्वनाथ आओ,नाथ पार्श्वनाथ। आओ नाथ पार्श्वनाथ आओ, नाथ पार्श्वनाथ॥ कोई सुनता नहीं,अब में क्या करुं, दर्द दिल की दसा जा के किससे कहूं… तेरे होते मेरी हार,कैसे करूँ स्वीकार, पार्श्वनाथ। अब […]

जल बिन जीवन कल्पना करना है बेकार, मछली प्राण है जल में मानव तन जल आधारl संवेदनाओं का सूचक है अश्रु जल की धार, दुनिया से जब हो विदा बनता गंगाजल मोक्ष द्वारl पंचतत्व में गिनती होती तन शुद्धि का जल आधार, जल ही जीवन कहलाता है प्रकृति का अनुपम […]

क्यों आए तुम,क्यों तुम चले गए, एक एहसास कुछ नया-सा दे गए। सपना कहूं या सुगन्ध जो दे गए, पर सही है कि कुछ नया-सा दे गएl देते-देते कुछ अपने साथ भी ले गएll क्यों आए तुम,क्यों तुम चले गए, नियंत्रण नहीं है उस एहसास के बाद करवटें भी कमजोर […]

पूरी दुनिया में लोगों को इन्साफ उनकी भाषा में ही मिलता है। हमारे देश में भी राजाओं-महाराजाओं के जमाने से यही होता रहा है। अगर भारत पर विदेशी सत्ता कायम नहीं होती तो,अब भी यही हो रहा होता,पर शायद हम दुनिया जैसे नहीं हैं। विदेशी दासता से मुक्त होने पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।