संघर्ष सतत करते जाना, कभी न तुम थक जानाl जीवन के लक्ष्य पर तुम, निरन्तर आगे बढ़ते जानाl परमात्मा को साथी बना लो, पथ का उसे सारथी बना लोl राह आसान करते जाना, सफलताओं को पाते जानाl मंजिल बिल्कुल दूर नहीं है, कठिनाई जरा भी नहीं हैl विकारों को छोड़ते […]

चिड़िया रानी बड़ी सयानी, अपने मन की हो तुम रानी। छोटे-छोटे पैरों से तुम, फुदक-फुदक कर चलती हो। जाँच-परख कर अच्छे से, फिर चोंच से दाना चुगती हो। बड़ी गजब की फुर्तीली हो, चंचल कोमल शर्मीली हो। कभी घास पर-कभी डाल पर, चीं-चीं करती फिरती हो। खुले गगन में पंख […]

जीवन के इस हवन कुण्ड में, इच्छाओं की आहुतियाँ दे अहंकार अर्पण करके ही, राह मोक्ष की होती हासिल। पग पथरीले पथ से  घायल, या तूफानों के साए हो हिम्मत नहीं हारते जो जन, आखिर पाते हैं वो मंजिल॥ जीवन के अनवरत सफ़र में, निश्चित आएंगी बाधाएँ दिशाभ्रमित करके हमको […]

आशिके दिलफेंक जो बनते रहे, उनको भी वादा निभाना आ गया। हाथ जबसे थामा है जाना तेरा, अपने हाथों में खजाना आ गया। फुरक़ते-शब और तड़पाते हैं वो, नाज़ उनको भी दिखाना आ गया। क्यों हैं मैखाने में तेरे खामोशी, क्या तुझे हमको सताना आ गया। साया लहराया तेरी उम्मीद […]

सुबह-सुबह चूहा, सेंक रहा था धूप। बिल्ली मौसी ओढ़, कर कंबल बैठी थी चुप॥ कुत्ता तान रहा था, अपनी टेढ़ी पूंछ। देखकर बिल्ली मौसी, ने लगाई दौड़ खूब॥ चूहे ने खैर मनाई जीभर के खाई गुपचुप। मौसी और कुत्ते के बैर से चूहा नाचा होकर खुश॥         […]

आज सुन रहा हूँ      मैं भूख की किलकारियां। मेरे घर में भी होती थी           केसर की क्यारियां॥ आज मेरे देश को क्या             हो गया हे राम जी! जिसे देखता हूँ वही             […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।