न करो भाइयों अपने ही घर में राजनीति, ये तो है दोहरे किरदार वालों की कूटनीति। इससे तो अपने आपसी रिश्तों में आती हैं दूरियां, बन जाती है घर के अंदर लाने से ये फूटनीति। लाओगे घर में इसे तो,सुख से न रह पाओगे, गँवाओगे सब कुछ,और नींद-चैन सब गँवाओगे। […]

1

देखते हो आप हर जगह एक प्रतिस्पर्धा, हर कोई आगे निकलना आगे बढ़ना चाहता है, इसके लिए दिन-रात सुबह-शाम दौड़ रहा, लगातार चल रहा एक अंधी दौड़, जिसमें शांति नहीं केवल होड़ है, जिसका न आदि न अंत है, निन्यानवें के फेर-सा क्या चाहता आदमी धन जोड़ना नाम कमाना दहशत […]

मन के तार को जब छूते हैं प्रीत मीत के स्वर लहरी। या कि विकल समाधान को कोई पीड़ा होती है गहरी॥ वेगवती नदी बरसाती-सी वह अल्हड़ रुकती नहीं कहीं। ऐसी उर की उद्दाम तरलता होता सच्चा संगीत वहीं॥  भर जाता आनन्द असीम रोम-रोम पुलकित होते। मधु मिश्रित मलयानिल-सा मधुर […]

    मेरे शब्दों में ऐसी शक्ति दे माँ,     मनभावन मधु्पूरित हो जो।     क्षमता हो जिसमें नवचेतना की,     संसार को नवपथ दे सके।     जीवन को दे सच्ची दिशा,     भ्रमितों को उनकी राह दे।     माँ शारदे,कर दे कृपा!   […]

यूँ तीरगी के साथ ज़माने गुज़र गए। वादे तमाम करके उजाले मुकर गए॥ शायद अलग था हुस्न किसी कोहिनूर का। जन्नत की चाहतों में हजारों नफ़र गए॥ ख़त पढ़ के आपका वो जलाता नहीं कभी। कुछ तो पुराने ज़ख़्म थे पढ़कर उभर गए॥ उसने मेरे जमीर को आदाब क्या किया। […]

कोरे-कोरे सपने मेरे, आकर आज सजा दो तुम। लाल चुनरिया गोटे वाली, तारे असंख्य जड़ा दो तुम। दिल का कोना-कोना रीता, प्यारी ज्योत जला दो तुम। होंठ लरजते जिनसे हमदम, सरगम गीत सजा दो तुम। आँखों की कोरों का काजल, नजरें आज लगा दो तुम। भीगी-भीगी मेरी पलकें, हँसकर ख्वाब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।