गिरकर उठना,उठकर चलना, यह काम है संसार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता, कभी जीत और हार का॥ जो भी होता है घटनाक्रम, रचता स्वयं विधाता है। आज लगे जो दंड वही, पुरस्कार बन जाता हैं॥ निश्चित होगा प्रबल समर्थन, अपने सत्य विचार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता, कभी […]

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  जुल्फों में बादलों की घटाओं का फसाना, आंखों में इंद्रजाल का मंजर है सुहाना, चेहरे का नूर कीमती हीरे से कम नहीं- सम्मुख तुम्हारे चांद भी लगता है पुराना। #डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी ‘नीरव’ Post Views: 368

मेरी राय में धर्म एक जीवन दृष्टि है। सभी प्राणियों से श्रेष्ठतर संवेदनशील मानव की। अपने सर्वोत्तम की खोज उसे पाने का प्रयत्न एवं आत्म साक्षात्कार के रूप में उस परम शक्ति की अनुभूति यही है धर्म का ध्येय। मानव मन की विभिन्न रुचियों के अनुसार कई मत-मतान्तर प्रचलित है। विभिन्न नदियों का मार्ग अलग […]

  भाग-३……………… फिल्म उद्योग में सभी पेशेवर हैं,काम के प्रति समर्पित,समय के पाबन्द। अलग-अलग प्रदेश,अलग-अलग भाषा के लोग कितनी अच्छी समझ के साथ मिलकर काम करते हैं,मुंबई फिल्म उद्योग इसकी मिसाल है। इस बीच फिल्म्स राइटर्स एसोसिएशन की सदस्यता भी मुझे मिल चुकी थी। करीब दो सप्ताह के बाद एक रोज मैंने हरिवंशराय […]

यह फिल्म लड़ाई,रोमांच और हास्य से लबरेज है,जिसके निर्देशक-जेक केड्सन और कलाकार-ड्वेन जॉनसन,जेक ब्लेक,केवीं हार्ट तथा केरेन गिलेन हैंl इसमें संगीत-हेरी जैकमैन ने दिया हैl दोस्तों १९९५ में आई `जुमानजी` के दूसरे भाग के रूप में यह फिल्म २२ साल बाद आई हैl चूँकि,२ दशक में पूरी दुनिया में तकनीकी तौर पर बदलाव और उन्नति […]

उठना-चलना और बोलना जिसने मुझे सिखा डाला, नौ महीने तक छुपा पेट में जिसने भार उठा डालाl  जिसने जन्म दिया है व पाल-पोसकर बड़ा किया है, जिसने मुझे सिखाया जीना,वही मातु है मेरी शालाll    जिसकी उँगली पकड़ चला मैं शिक्षा वाली शाला में, जिसके बल पर अकड़ चला मैं,दुनिया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।