सुबह हो शाम हो,दिन हो या रात हो, आओ मेहनत मिलकर करें। एक नया मुकाम हासिल करें, एक नया मुकाम हासिल करें॥ काम की होड़ में दौड़कर देखिए, कामचोरी को तभी छोड़कर देखिए। मेहनत और लगन की तुम दो एक मिसाल, इसमें खुद को डूबोकर तुम देखिए॥ तुम अगर […]

विचार,वाणी की स्वतन्त्रता देती हमें सम्मान हो, वेशभूषा की सरलता का हमें अभिमान हो, देश,भाषा,धर्म का न कभी अपमान हो। इस निलय में हर कहीं, बस राष्ट्र का गुणगान हो, जो राष्ट्र हित में लिखा जाए,ऐसा अनूठा गान हो। सच्चा वासी वही देश का जो उस पर कुर्बान हो, ऐसे […]

ना फिर से आग लगा देना, इस प्यारे से चमन में…। बड़ी शिद्दत से पनपे हैं अंकुर अभी सौहार्द के, कलियाँ भी खिली-खिली हैं ले प्रेम की बांहों का साथ, भरे हैं घाव बैर-भाव के जो हो चुके थे बहुत गहरे, खून की नदियाँ ना बहा देना इस चहकते मधुबन […]

घर का भेदी खोल के,नंगा बैठा न्याय, गीदड़ बग्गी,भेड़िया,नोंच-नोंच अब खाय नोंच-नोंच अब खाय,लिए दानवता मन से, मन का ये उदगार,उगलते जहर वमन से देखें दृश्य ‘विराट’,काँपता है तन थर-थर, सबल बनाएं देश,टूटने दें मत यह घर॥                      #श्रीमन्नारायणाचार्य ‘विराट’ Post […]

आज आसमाँ भी रोया मेरे हाल पर और, अश्कों से दामन भिगोता रहा। वो तो पहलू से दिल मेरा लेकर गए और,  मुड़कर न देखा,मैं अब क्या करुं॥ उनकी यादें छमाछम बरसती रहीं, मन के आंगन को मेरे भिगोती रहीं। खून बनकर गिरे अश्क रुखसार पर, कोई पोंछे न आकर,मैं […]

इंसान तेरी इंसानियत को डूबते देखा है, दूसरों की बुराइयों को ढूंढने वाले तेरे खुद की नीयत को बदलते देखा है। इंसान तेरी इंसानियत…॥ शिकवा करें किससे,कि सिकन्दर ही साबुत नहीं। घुटकर रह जाती,सच्चाई कण्ठ पर, दिखता है,कोई महफूज नहीं॥ कसक कसौटी की विलाप यहाँ, झर-झर के आँसू को,बहते देखा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।