इन दिनों चारो तरफ ही तो प्राणवायु के लिए संघर्ष है फेफड़े जवाब दे रहे है सांसे बार बार उखड़ रही है आक्सीजन लेवल घट रहा है हे राम, यह क्या हो रहा है बूढ़े,जवान,अब बच्चों की बारी कैसी है जीवन की लाचारी मगर यह तो होना ही था आक्सीजन […]

मन से भक्ति करने वाले तुम्हे प्रभु मिल जायेंगे। दानधर्म करने वालो को दौलत भी मिल जायेगी। मन से भक्ति करने वाले तुम्हें प्रभु मिल जायेंगे।। होगा ये सब सामाने तेरे तू सब कुछ यही देखेगा। प्रभु की लीला देखकर तू प्रभु चरणो में खो जायेगा। आसमान में उड़ने वालो […]

माँ से बड़ा सुख नही माँ है पालनहार ईश्वर का प्रतिरूप है माँ जन्नत आधार जन्मदात्री,पालक मां प्रथम गुरु अधिनायक मां हमारे सब कष्ट हरती अपनी खुशियां न्यौछावर करती अपनी जान से ज्यादा चाहती बच्चों का फायदा निर्मल पावनधारा है मां आओ माँ का वन्दन करे ईश्वर का अभिनन्दन करे#श्रीगोपाल […]

कोरोना काल ने हमें मानव सभ्यता का वह अमानवीय दृश्य दिखाया है जिसे हमारी सभ्यता क्रूर कहती है।नदियों में बहती लाशें, रेतो में दफन लाशें, जिसका अंतिम संस्कार तक नहीं हुआ आखिर ये लाशें कैसे आयी? और कहाँ से आयी? यह विषय नही हो सकता हां यह जरूर हो सकता […]

विष्णु के अवतार जो है परशु राम है नाम इनका। अत्याचारी रक्षक और छात्रियो किया था वध इन्होंने। ऐसे बलसाली ऋषि परशुराम के चरणो को वंदन। हम सब मिलकर आज करते है।। इस कलयुग में अब हमें जरूरत है इस युध्दा की। जो कलयुग से नष्ट कर दे इन भृष्टाचारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।