‘कुछ शैल चीरने और हैं ; कुछ अरण्य लांघने और हैं। यूँ ही तो नहीं कहलाता कोई बाजीगर; कुछ नदीश तैरने और हैं। बटोही ! तुझे आज महीधर टकराना तो है …; ‘उस मंजिल तक’ जाना तो है…॥ मैं ठोकरों के डर से, चलना छोड़ूँ  तो क्यों…? जीता ही कब […]

लहर-लहर लहराए तिरंगा आसमान तक जाए तिरंगा, भारत के गौरव की गाथा जन-जन तक पहुंचाए तिरंगा। लहर-लहर लहराये तिरंगा…॥ मीठी वाणी बोल के हम-सब जग में प्रेम बढ़ाएंगे, सच के पथ पर जाएंगें हम देश का मान बढ़ाएंगे हम। लहर-लहर लहराए तिरंगा…॥ छोटे और बडे़ का सारा भेद मिटा कर […]

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गली-गली हर चौराहे पर, जन गण मन दिल से गा लें। लोकतंत्र का पर्व आज है, चलो तिरंगा फहरा लें, भाई चलो तिरंगा फहरा लें। वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम॥ केसरिया है अग्नि ज्वाला, सभी बुराई करता नाश, हरा हमेशा है यह कहता, संवृद्धि खुशहाली पास। श्वेत […]

तीन रंग का, तिरंगा प्यारा। लाल किले में लहराया है। भारत के हर बच्चे ने, घर-घर में तिरंगा फहराया है। तिरंगे की जय, जयकार करें। तिरंगा सबको, प्यारा है। घर-घर में, फहराए तिरंगा। संसद में, फहराए तिरंगा। पूरब हो या पश्चिम हो, उत्तर हो-दक्षिण हो, जगह-जगह फहराया है। हिमगिरी की […]

जितनी  भी    शक़्कर    थी    इस    बदन    में, उसके  शक्करपारे    तो  बचपन     खा  गया। अब      कड़वाहट      बची     है     जवानी    में, उसपे  लोग   कहते   हैं पागल चिड़चिड़ा  गया। जी-जान  लगा  दी  नाम   को   दस्तख़त   बनाने  में, कम्बख़त  ज़माना  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।