जितनी भी शक़्कर

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satindar
जितनी  भी    शक़्कर    थी    इस    बदन    में,
उसके  शक्करपारे    तो  बचपन     खा  गया।
अब      कड़वाहट      बची     है     जवानी    में,
उसपे  लोग   कहते   हैं पागल चिड़चिड़ा  गया।
जी-जान  लगा  दी  नाम   को   दस्तख़त   बनाने  में,
कम्बख़त  ज़माना  बदल   के  अगूँठे   पे  आ  गया।
इक   बरसात   लग   जाती   है   नया   जामुन   आने  में,
इस   आँगन के पेड़   की   मैं   कई  बरसातें  खा  गया।
बेर   की  गुठलियाँ   भर   के   चलाई   गुलेल   हमने,
जानें  कौन-सा  राम  का  प्यारा  मेरी  गुलेल  चुरा  गया।
झूले    की    चाह    में    बहुत    पिटा   हूँ    मेले    में,
मुफ़लिसी  तूने    बाप से  बेटे    को    पिटवा दिया।
पास  होने    के   लालच  में   बहुत   अरदासें  कीं,
इन    इम्तिहानों    ने    मुझे  इबादती   बना   दिया।
बस  ऐसे  ही   इक   दिन   पहना   था  जूता  बाप  का,
ज़िन्दगी  तूने  तो  ज़िम्मेदारी  से  मेरा कांधा झुका दिया।
वैसे  राम से कभी अपना  मिलना   नहीं  हुआ  यूँ  तो,
पर  सुना  है राम  की जुदाई  ने  दशरथ  को रुला  दिया।
दोस्तों   की   मत   पूछना   सबके-सब   साँप  है,
डस-डस  के  सतिन्दर  को  ज़हरीला   बना  दिया॥
         #सतिंदर सिंह
परिचय : सतिंदर सिंह का जन्म २९ जुलाई १९८५ का है। एम.कॉम. की शिक्षा प्राप्त की है,और शिक्षक हैं। आप उत्तर प्रदेश के ललितपुर में रहते हैं। लिखना आपका शौक है।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।