उस मंजिल तक

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tc sawan
‘कुछ शैल चीरने और हैं ;
कुछ अरण्य लांघने और हैं।
यूँ ही तो नहीं कहलाता कोई बाजीगर;
कुछ नदीश तैरने और हैं।
बटोही ! तुझे आज महीधर टकराना तो है …;
‘उस मंजिल तक’ जाना तो है…॥
मैं ठोकरों के डर से,
चलना छोड़ूँ  तो क्यों…?
जीता ही कब हूँ जो,
अब हारने से डरूँ !
विकट पथ की शूलों को हटाना तो है…;
‘उस मंजिल तक’ जाना तो है…॥
कर्म छोड़,क्रंदन को अपनाऊँ;
तो कौन-सी मंजिल को पाऊँ…!
भाव-विभोर होने से अच्छा,
लक्ष्य प्रति कर्मठ हो जाऊँ…।
मजबूत,निज इरादों को बनाना तो है…;
‘उस मंजिल तक’ जाना तो है…॥

#टी.सी.’सावन’

परिचय : टी.सी.’सावन’ का साहित्यिक उपनाम-सावन हैl आपकी जन्मतिथि-२१ मई १९७९ तथा जन्म स्थान-चम्बा (हिमाचल प्रदेश) हैl आपका स्थाई निवास चम्बा जिले के ही गाँव-खमुहीं में हैl बीटीएस,एमटीएम(पर्यटन प्रबंधन) सहित संचार कौशल और संगणक में आपके पास प्रमाण-पत्र की शिक्षा हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन,प्रबंधन और फिल्म निर्माण (निर्देशन)हैl सामाजिक क्षेत्र में आपकी भूमिका कवि-लेखक-शिक्षाविद-संगीतज्ञ-चित्रकार के रूप में हैl कविता,क्षणिका,ताँका,हाइकु,ग़ज़ल सहित गीत,भजन, मुक्तक,लेख,लघुकथा तथा कहानी आप लिखते हैंl प्रकाशन की बात करें तो देश-विदेश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशन सहित ४ बार विदेशी प्रकाशनों से पुरस्कृत व प्रकाशित हैंl सम्मान में आपके खाते में अंग्रेजी के लिए ४ अंतर्राष्ट्रीय सम्मान सहित विश्व के १०० श्रेष्ठ लेखकों में शामिल,निबंध लेखन प्रतियोगिता मेँ प्रथम स्थान आदि हैंl ब्लाॅग पर भी लेखन करते हैंl अन्य उपलब्धि में सांस्कृतिक उत्थान व लोकचेतना हेतु गीत एलबम व वृत्तचित्र फिल्म के निर्माण कार्य में सक्रिय रहना है। आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-सृजनात्मक क्रियाकलापों द्वारा समाजसेवा करना,लेखन को मंनोरंजन का साधन नहीं मानकर सामाजिक चेतना का माध्यम मानते हुए समाज की बुराईयों को दूर करने के लिए वचनबद्ध रहना हैl

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।