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  विचारणीय विषय है…ज्वलंत समस्या का…… ज्वलंत प्रश्न……. मुझे यकीन है आज हर माता-पिता अपने बच्चों के विद्रोही स्वभाव को लेकर परेशान हैं, और उनके भविष्य को लेकर चिंतित भी..निश्चित तौर पर सभी ने कभी न कभी आत्ममंथन भी किया होगा, कि ऐसा क्यों है?? जो मूल बात और कारण […]

मैं पीने को तो समंदर भी उठा लाता तेरी निगाहों से क्यों रिहाई नहीं मुझे महफ़िल झूम उठा है तेरी झलक से वो तस्वीर तेरी क्यों दिखाई नहीं मुझे वो नज़्म तेरे ही गाके मशहूर हो गया दिलकश तराने क्यों सुनाई नहीं मुझे चर्चे थे  हमारे  ही  नाम के ज़माने […]

         हमारे अन्दर दो रावण छुपे हुए हैं एक वो जो रामायण को देखकर आया है दूसरा वो जो छुपा -छुपा सा रहता है यदा -कदा ही वो दर्शन देता है पहला रावण, रावण होने का दम्भ भरता है वही दूसरा अकसर राम होने का ढोन्ग करता है पहला रावण […]

मैं बेटी हुं बेटी होना देखो कैसे श्राप हुआ, ऐसा लगता है जैसे मेरी मां से कोई पाप हुआ, क्यूं मेरे पैदा होते ही दादी ने मुहं फुलाया था, क्यूं ना लड्डू बांटे थे, क्यूं बाबा ने मुंह छुपाया था,, क्यूं मां की ममता भी मौन हुई क्यूं पिता को […]

गणित भले हो ज्योतिष विज्ञान बदल सकता है उसका विधान कर्म के आगे सभी  बोने है चाहे आधे या फिर पोने है भविष्यवाणी भी धरी रह जाती जब कर्म प्रधानता सामने आती हाथ की रेखाएं बदल सकती है मन मे ठानी पूरी हो सकती है बस परमात्मा पर विश्वास करों […]

एकाकीपन और गुमनामी झेल रहे प्रख्यात साहित्यकार ‘महरूम’ ! मोबाइल पर एक संदेश मिलता है : “बीमारी, वृद्धावस्था ,असहायता और एकाकीपन के कारण आपके पास बैठ बतियाने की ललक अधूरी रह जाती है !” – इस संदेश को किसी बूढ़े की बुढ़भस समझने की भूल नहीं कर सकता था मैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।