हिन्द सागर जिसके चरणों को धोता हैं गंगा सिन्धु की उछाल कण कण में सजोता है सपनों से भरा ये देश अपने अस्तित्व की मौजूदगी को दोहराता है भारत अपनी गाथा खुद गाता है कईयों ने लुटा कई यहां बस गये पर भारत ने अपने अस्तित्व की क्षुण्ता को भी […]

बात ये नही बहुत पुरानी, आओ सुनायें पेड़ो की कहानी. जंगल ,पेड़ कटे तो, धरतीका श्रंगार उजडा, नीरसता छाई  धरती में, मानो वैधव्य सा हुआ मुखडा. धरती हो गई  उदास, छाया खत्म हुई आसपास. सूरज के तेवर बदले, धरती पर वो आग उगले. सूरज की गरमी को अब कौन सोखे, […]

बहर~2122 2122 2122 212 काफ़िया-आना रदीफ़-चाहिये बैठकर  यूं   ही    नहीं   आँसू   बहाना  चाहिये भूलकर    हर    दर्द   यारो   मुस्कराना  चाहिये खंजरों  से  तेज  होती  है  किसी  की  बददुआ जानकर  तो  दिल किसी का ना दुखाना चाहिये रूठ  जाने  का  अगर  ये  शौक उनके सर चढ़ा ठीक  ही  है प्यार  का  मुझको  […]

तुम बिखरें घरों को जोड़ने वाले, दो टूटे  हदयों को जोड़ने वाले, मैं बने बनाये घरो को तोड़ने वाला, दो की छोड़ो ,तीन की छोड़ो न जानें कितनो के ह्दय को तोड़ने वाला? इसे क्या नाम दूँ? भूल कहूँ? नही-नही, यह तो एक और भूल है। इसे कहूँ प्रवंचना, जो […]

               पुष्प जो अंकुरित होने के,                   पूर्व ही तोड़ दिया जाता है, लगा झटका क्षीण दशा के वृक्ष को, मेरे सोच के परे है,दोष क्या था उसका। मुल्य का क्या था उसकी आशाओं का, आशाओ को पूर्व ही मिला था मिट्टी में, मातृ […]

कितनी मिथ्यावादी होती है न माँयें… बेटा कोमल ममता को ठुकराता है तो चुल्हे पर बैठकर आँसुओं का सारा दोष धूँयें को देती है.. छोडकर दुत्कार कर चला गया साथी.. अन्धाधुन्ध द्रान्ती चलाती घास काटती माँये आँसुओं का सारा दोष तिनके को देती है। कितनी मिथ्यावादी होती है माँयें… मूँह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।