मुर्गा बाँग न देने पाता उठ जाती अँधियारे अम्मा छेड़ रही चकिया पर भैरव राग बड़े भिनसारे अम्मा । सानी-चाट चरोहन चटकर गइया भरे दूध से दोहनी लिये गिलसिया खड़ी द्वार पर टिकी भीत से हँसी मोहनी । शील, दया, ममता, सनेह के बाँट रही उजियारे अम्मा । चौका बर्तन […]

वे बड़े करुण हैं उन्हें दर्द होता है यदि पिल्ला भी आ जाये उनकी गाड़ी के नीचे। गाय तो पूजनीय है उसके लिए जान भी लेने में नहीं हिचकते धर्म की रक्षार्थ। राजनीति मे बहुत छोटी बात होती है आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या यदा कदा। […]

नानी————! तुम मेरी कुम्हार और मैं तुम्हारे चाक पर घूमती मिट्टी थी । मैं घूमती रही तुम्हारे चाक पर तुम्हारी इच्छानुसार,, निर्विरोध ,लगातार ।। मैं तुम्हारी कच्ची मिट्टी जैसे चाहा ठोका,थपका ।। कभी बिगाड़ा, कभी बनाया।। मुझे पकाया,रंग चढ़ाया,, और …….वही बनाया जो तुम बनाना चाहती थी ,, मैं बनना […]

दोहा माँ बेटी पत्नी सभी, नारी के ही रुप। भारत माँ के रुप मे नारी दिव्य स्वरूप।। चौपाई गौरव शाली जीवन गाथा। हम सबकी जो भाग्य विधाता।1। नारी महिमा अपरंपारा। जग से हरती जो अँधियारा।2। शक्ति रूप धर दुर्गा बनती । लक्ष्मी रुप मे विपदा हरती।3। सरस्वती माँ कंठ समाती। […]

ललनाओं  हो जाओ तैयार। अब आई युद्व की बारी ।। क्षत्राणियों के खून मे उमड़ रहा है जोश। हवाएं भी झूम-झूम, गा उठी मदहोश । दुश्मन के ठिकानों पर, हम करें वार पर वार। ललनाओं हो जाओ तैयार । हाथों में चूड़ियों के साथ , अपने खड्ग थाम लो रानी […]

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यह एक मूर्खतापूर्ण बात है कि हिंदी की प्रगति के लिए प्राइवेट कंपनियों और प्राइवेट अस्पतालों को हिंदी में पढ़े-लिखे इंजीनियर और डॉक्टर को अपने यहाँ नौकरी पर रख लेना चाहिए | उनको मुनाफे से मतलब है, हिंदी या अंग्रेजी से नहीं | मुनाफे की खातिर वे योग्य लोगों को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।