रावण

0 0
Read Time1 Minute, 54 Second

shweta jayaswal

         हमारे अन्दर दो रावण छुपे हुए हैं
एक वो जो रामायण को देखकर आया है
दूसरा वो जो छुपा -छुपा सा रहता है
यदा -कदा ही वो दर्शन देता है

पहला रावण, रावण होने का दम्भ भरता है
वही दूसरा अकसर राम होने का ढोन्ग करता है

पहला रावण अपने
रावण होने पर clear है
दूसरा रावण
अपने रावण होने पर canfused है

पहला रावण सीता की अस्मिता पर
प्रहार नही कर सकता
क्योंकि वह शापित है
अतः वह विवश है

दूसरा वाला रावण न शापित है,
न विवश है
बस राम होने के कारण
थोडा सा मर्यादित है
थोडा सा सयमित है

पहला रावण दूसरे रावण को देखकर
अट्ट -टाहस करता है
और उसकी मांसिक दुर्बलता पर,
काम -बान से प्रहार करता है

दूसरा वाला रावण कामबान से
ढेर हो जाता है,
और औरत को अकेला पा
बलात्कारी हो जाता है

पहला वाला रावण विजय स्वर मे
गर्जना करता है
क्योंकि उसने मूर्छा वाला कामबान चलाया था

वही दूसरे रावण के अंदर का,
राम जाग जाता है,
और वो कुंठित मन से उठ जाता है

हम अंदर दो दो रावण को पाल रहे हैं
और बाहर
सीता के लुट्ने का मातम मना रहे हैं

नाम- श्वेता जायसवाल 
साहित्यिक उपनाम -श्वेता 
वर्तमान पता -मण्डला (म. प्र.) 
राज्य -म. प्र. 
शहर -मण्डला 
शैक्षणिक योग्यता -स्नातक 
कार्य क्षेत्र -ग्रहणी 
विधा -कविता मुक्तक 
उपलब्धि -youtuber 
लेखन का उद्देश्य -name ,fame, money 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मयस्सर होंठों की क्यों दवाई नहीं मुझे

Wed Jun 27 , 2018
मैं पीने को तो समंदर भी उठा लाता तेरी निगाहों से क्यों रिहाई नहीं मुझे महफ़िल झूम उठा है तेरी झलक से वो तस्वीर तेरी क्यों दिखाई नहीं मुझे वो नज़्म तेरे ही गाके मशहूर हो गया दिलकश तराने क्यों सुनाई नहीं मुझे चर्चे थे  हमारे  ही  नाम के ज़माने […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।