बेटियां,,,

0 0
Read Time1 Minute, 9 Second

sachin

मैं बेटी हुं बेटी होना देखो कैसे श्राप हुआ,
ऐसा लगता है जैसे मेरी मां से कोई पाप हुआ,
क्यूं मेरे पैदा होते ही दादी ने मुहं फुलाया था,
क्यूं ना लड्डू बांटे थे, क्यूं बाबा ने मुंह छुपाया था,,
क्यूं मां की ममता भी मौन हुई क्यूं पिता को गुस्सा आया था,,
ऐसा लगता था जैसे घर में कोई अभिशाप हुआ,,,
मैं बेटी हुं बेटी होना देखो कैसे श्राप हुआ,,
बेटी पूछ रही है जग से, क्यूं मन्दिर में जाते हो,
जब बेटी से करते नफरत तो क्यूं मां को भोग लगाते हो,
बेटी कोख़ में मारोगे तो एक दिन पछताओगे,
हर घर में बेटे होगें तो बहू कहां से लाओगे,
धरा से मिट जाते हैं वो घर जिनमें बेटी पर आघात हुआ,,
मैं बेटी हुं बेटी होना देखो कैसे श्राप हुआ,,
          #सचिन राणा “हीरो”
          हरिद्वार, उत्तराखंड

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

रावण

Wed Jun 27 , 2018
         हमारे अन्दर दो रावण छुपे हुए हैं एक वो जो रामायण को देखकर आया है दूसरा वो जो छुपा -छुपा सा रहता है यदा -कदा ही वो दर्शन देता है पहला रावण, रावण होने का दम्भ भरता है वही दूसरा अकसर राम होने का ढोन्ग करता है पहला रावण […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।