आंधियां नफरतों  की कुछ ऐसी चलने लगीं फिज़ा मेरे शहर की वो देखो बदलने लगी हर जगह कत्लेआम है हर  गली सन्नाटा हुआ लोगो की खुशियों को ममता नफरतें निगलने लगीं आंधियां नफरतो …….. हर आदमी सहमा यहाँ एक दूसरे से डर रहा दोस्ती के रिश्तों में भी नफरते घुलने […]

एक बार हिन्दी अपने घर मे बहुत ऐस्वर्य से रह रही थी. हिन्दी का बहुत बड़ा  साम्राज्य था. हिन्दी अत्यंत उदार थी. उसकी भावनाए अत्यंत उच्च थी. “वसुधैव कुटुंब ” और “अतिथि देवो भव “उसके सिधान्त थे. हिन्दी की ख्याती दूर -दूर तक थी दूर परदेश मे अंग्रेजी रहती थी […]

भीषण गर्मी व्याकुल बनाती अच्छो अच्छो को पसीने लाती तन पर कपड़ा भी चुभने लगा पंखा,एसी सब भाने लगा ठण्डी जगह घूमने जाते छुट्टियों का लुत्फ़ उठाते पर मजदूर मजदूरी कर रहा है पसीना पसीना हो रहा है महंगाई भी पसीना बढ़ा रही जीना मुश्किल बना रही परमात्मा सरकार को […]

पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा…. छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया… अब फाइनल इंटरव्यू कंपनी के डायरेक्टर को लेना था और डायरेक्टर को ही तय करना था , कि उस […]

1

आज मैंने फिर एक पौधा लगाया, पर मुझे आज एक अलग ही मजा आया, पत्तों ने किया जैसे हिल कर अभिनन्दन, याद दिला रहें हों, जो है हमारा अटूट बंधन। कुछ दिन तो, पौधा जैसे कहे , रखो मेरा ख्याल, फिर सारी उम्र रखूंगा, मैं तुम्हें संभाल, दूंगा मै तुम्हें […]

हमेशा की तरह ही त्रस्त हैं लोग सूखते रिश्तों से आँखों के घटते पानी से और गिरते भू जल स्तर से । रिश्ते और पानी जीवन है । इनका निरंतर घटते रहना सिर्फ घटना ही नही है , यह है हमारी उस प्रवृत्ति का प्रतिफल जिसने हमे बना दिया है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।