वो आता उषा के संग , किरण आसरा पाता । संध्या के संग हर दिन , दिनकर क्यों छुप जाता । तजकर पहर पहर सबको , वो एकाकी चलता जाता । हर प्रभात का दिनकर , संध्या दामन ढल जाता ।           #विवेक दुबे परिचय […]

 गीतांजलि और सरिता दो ऐसी सहेलियां थी,जो एक दूजे के बिन नहीं रह सकती थी । दोनों के स्वभाव बिल्कुल विपरीत थे । गीतांजलि सरल और शांत स्वभाव की तो सरिता घमंडी प्रवृत्ति की थी ।  दोनों के विचारों में बहुत अंतर था । गीतांजलि, मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी थी […]

जलियांवाला बाग कांड ने कर दिया था उद्देलित तुम्हें । डायर को  मार  गिराने की खाई थी  कसम वीर तुमने ।। अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी,उधमसिंह जी तुमने । लंदन जाकर मार  गिराया डायर  को  शूरवीर  तुमने ।। कर्ज न उतार  पाएंगे  हम ऐसे  बलिदानी  वीरों  का । […]

चार भाई बहनों में बड़ी , नाजों से पली राजो का बचपन हंसते खेलते बीत गया था । कैशोर्य की अल्हड़ता और प्रस्फुटित हो रही मादकता ने उसके स्वभाव में चंचलता और स्वच्छन्दता को बढ़ा दिया था। गांव में उसके निखरते रूप और यौवन की चर्चा होने लगी थी। मनचले […]

रजुआ के बाऊजी बी.ए के फारम कहिया मिलेला। का करब फारम का, दिमाग सठिया गइल का। बाऊजी के समझ से परे था अशिक्षित पत्नी बी.ए के फार्म की बात उस वक्त क्यों कर रही है जब घर के चिराग को बुझे महीना दिन नहीं हुए।       राजू चार […]

नहीं  दिखती  है  कोई उम्मीद मगर, प्रयास   करने  में  कोई  हर्ज  नहीं । घोर  अंधेरे  है  दूर  तलक  फिर भी, विश्वास  जगाने  में  कोई हर्ज नहीं । ना  हो भले ही उजाले *”स्पर्श”* मगर, प्रयत्नों से अन्तर्मन में संतोष होगा । इच्छित  आशाएं  ना  फले  फिर भी, मन  को नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।