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जयपुर | विलक्षणा सार्थक पहल समिति द्वारा राष्ट्रीय स्तर के सम्मान समारोह में पूरे भारत से आए 101 लोगो को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जिसमे जयपुर के साहित्यकार रिखबचंद राँका ‘कल्पेश’ को ‘विलक्षणा समाज सारथी सम्मान 2018’ से सम्मानित किया गया| उक्त आयोजन में […]

सर सर बहती हवा कह रही मत काटो मनुज पँख हमारे , स्वस्थ साँस का स्रोत यही हैं समझो सच जीवन का प्यारे । नहीं रहेंगे विपिन अगर तो कैसे बदरा मोहित होंगे , बरखा रानी के दर्शन को तरस रहे भू अंबर होंगे । तेज ताप का होगा नर्तन […]

हुस्न वाले क्यों अदा यूँ आशकार करते हैं रूख़ पे पर्दा और निगाहों से वार करते हैं। हैं निशाने पर ये   जहान हमें मालूम है फिर भी हम आशिक तुमसे प्यार करते हैं। बड़ा मासूम दिल है ये जो दिया था तुमको रात भर बस तेरी हाँ का इंतजार करते […]

इंदौर । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में कम्प्यूटर में हिंदी के प्रयोग पर आज एक कार्यशाला आयोजित की गई.  कार्यशाला में  फील्ड आउटरीच ब्यूरो, इंदौर के सहायक निदेशक मधुकर पवार मुख्य वक्ता थे. भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान  के कार्यकारी निदेशक डा. अमरनाथ शर्मा ने अध्यक्षता की. इस […]

अब खुदा की भी इनायत हो गई है। प्यार करने की इजाजत हो गई है। क्यूँ नहीं रखता ये धीरज दिल मेरा भी। शोखियों को भी शिकायत हो गई है। चाशनी मे प्रेम की हैं …….डूबते हम। दूर हमसे अब हिकारत हो गई है। इक नजर में दे दिया ये […]

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  कागज पर चलती कलम का वो मद्धम मद्धम साँसो का सा स्वर. …. .. वो रौशनाई की उभरती एक एक लहर. …… जीवंत करती जाती है निर्जीव पन्ने को पहर दर पहर……… अपनी ही लिखावट पर हौले हौले से उँगलियाँ फिराना…… और महसूसना हृदय से जने भावों को…. उँगली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।