मेरी दिन रात की मेहनत, तो अब बेकार नहीं होगी, मुझे ईश्वर पर भरोसा है, कभी मेरी हार नहीं होगी। मैं दिल से काम करता हूँ, मैं संग हरिनाम जपता हूँ, मेहनत के बदौलत तो मैं, हर अवरोध से लड़ता हूँ, मेरे सर पर हाथ माँ का है, पिता का […]

श्रीराम तुम्हारे श्रीचरणों में, मैं नित-नित शीष झुकता हूँ। मैं नित-नित शीष झुकता हूँ, अपनी बातें बतलाता हूँ। मुझे कष्ट हजारों हैं राघव, जिन्हें तुम्हें बताने आता हूँ। मन की अभिलाषा को तुम, भले!दरकिनार कर जाओ, मुझे राम राज्य की चाहत है, तुम फिर से राघव आ जाओ, इस धरा […]

अब नहीं , रहा विश्वास , सब के सब है , धोखेबाज़ । मुँह में राम , बगल में छुरी , गिराते , एक दूजे पे गाज़ ।। कैसे करे , विश्वास ,बताओ , छल-कपट , का साया है । चाहे , कुछ भी हो जाए पर , चाहिये , […]

बहुत बार हुआ ऐसा कि तुम आकर भी आये ही नही। कितने गिले,कितने शिकवे,जो तुमने बतलाये ही नही। बहुत से उल्झे सवाल है हमारी जिंदगी मे यू तो, पर कभी हम दोनो ने ये सब सुलझाये ही नही। बहुत राज है  हमारे सीने मे दफन अतीत के, पर उन पर […]

आधुनिक युग की चादर तूने ओढ़ी है बेटी परंपरा से चली आ रही बेटी की मर्यादा लाँघि है – बेटे भी शर्मा रहे है , मजबूर हो रहे है – तेरे स्वार्थ के आगे । जब तुम बाबुल के घर आती हो , कितनी खुश हो जाती हो – भाभी […]

दोहा पुरूष पिता राजा बनें, परम पिता परमेश। पुरुष सृजन सृष्टि करें नशते सभी क्लेश।।    पिता-चालीसा    (चौपाई छंद)              १ पिता रुप मे महिमा भारी। निशदिन गाती सृष्टि सारी।।                  २ परम पिता परमेश्वर कहते। सबके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।