गरजत ‘गगन’ मद में हैं मेघा, लरजत मन पुलकित सस्नेहा, तरस रहा तन पी संग नेहा, बाहुपाश, रति, मधुमास विशेषा, कौंध रही है तड़ित दामिनी, जाग रही मंत्रमुग्ध यामिनी, संवर रही है धरती मानो, सुहाग सेज चिरप्रतीक्षित बेला, मचल रही उन्मादित ‘अगन’ मंद, अम्बर लिख रहा बूंदों संग […]
वीणावादिनी ज्ञान दायिनी ज्ञानवान कर दे…. माँ रूपसौभग्यदायिनी नव रुप भर दे…. हंसवाहिनी श्वेतांबरी जग उज्ज्वल कर दे….. वीणापाणिनि शब्ददायिनी शब्दों से भर दे…. ज्योतिर्मय जीवन तरंगमय जीवन सभी जन प्रकाशयुक्त सभी जन ज्ञानयुक्त अज्ञान निशा को जीवों से दूर कर दे….. सत्य पथ सत्यमय वीणा के तारों से विद्या-विनयमय […]
सर उठा कर चल नही सकता बीच सभा के बोल नही सकता घर परिवार हो या गांव समाज हर नजर में घृणा का पात्र हूँ ! क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! जिंदगी खुलकर जी नहीं सकता चैन की नींद कभी सो नही सकता हर एक दिन रात रहती है चिंता जैसे दुनिया में कोई श्राप हूँ ! क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! दुनिया के ताने कसीदे सहता, फिर भी मौन व्रत धारण करता, हरपल इज़्ज़त रहती है दाँव पर, इसलिए करता ईश का जाप हूँ ! क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! जीवन भर की पूँजी गंवाता फिर भी खुश नहीं कर पाता रह न जाए बेटी की खुशियो में कमी निश दिन करता ये आस हूँ क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! अपनी कन्या का दान करता हूँ फिर भी हाथजोड़ खड़ा रहता हुँ वरपक्ष की इच्छा पूरी करने के लिए जीवन भर बना रहता गूंगा आप हुँ क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! देख जमाने की हालत घबराता बेटी को संग ले जाते कतराता बढ़ता कहर जुर्म का दुनिया में दोषी पाता खुद को आप हूँ क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! #संजय जैन परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के […]