पाकिस्तान अब एक नई मुसीबत में फंस गया है। फरवरी में सउदी अरब, तुर्की और चीन ने पाकिस्तान को बचा लिया था लेकिन अब इन तीनों राष्ट्रों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। अब पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठन (एफएटीएफ), जिसका काम आतंकवादियों के पैसे के स्त्रोतों को सुखा देना […]

अधूरा हूं तुम बिन पर उम्मीद है तुम एक दिन आओगी कहीं से अचानक आकर मुझसे टकराओगी। जानोगी मेरा हाल और मुझे देख मुस्कुराओगी शायद उस दिन तुम न चाहते हुए भी मेरी बन जाओगी। मेरा सुख-दुःख बांटोगी मेरा जीवन मधुर बनाओगी और मेरे हृदय में बस मेरी काव्य धारा […]

खुली जगह है गांव में बसेरा यही बनाओं शुद्ध हवा और हरियाली छोड़ शहर मे मत बस जाओ भाईचारा रिश्तेनाते गांव की अनूठी धरोहर है मिट्टी की भीनी खुशबू से पूरा गांव लबालब है रोजगार गर मिले गांव में पलायन का न हो संकट किसान मजदूर हो खुशहाल गरीबी का […]

  चेहरों की चौखटों पर चिपके हुए रिश्तों के इतिहास बड़ेबेमानी लगते हैं लेकिन जब अविश्वास के हाथों विश्वास सूली पर चढ़ा दिया जाता है तो एहसासों के आइने चकनाचूर हो जाते हैं चाहतों की वो चौड़ी सड़कें पगडंडियों में तब्दील हो जाती हैं विश्वास की चट्टानें पिघलकर आंसुओ का […]

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वैश्विक हिंदी सम्मेलन तथा श्रीमती एम एम पी शाह महिला आर्ट्स एंड कॉमर्स महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज की महिला – विद्यार्थियों के लिए भाषा प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कंप्यूटर और मोबाइल पर देवनागरी लिपि और अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में काम […]

ये जुदाई नहीं गवारा है । एक तू ही मिरा सहारा है।। मैने माना खुदा तुझे अपना, क्या ये कसूर भी हमारा है।। ख़्वाब मीठे भला रहें कैसे, नैन के जल का स्वाद खारा है।। फूल खिलने लगे बगीचे में, प्यार होने को अब दुबारा है।। आओ”ममता”गले लगो फिर से, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।