कण-कण में अरमान भरा है, गौरव और अभिमान भरा है, विश्वबन्धुत्व हित जिए हैं, सदा मातृभूमि हित जिएँगे, सदा मातृभूमि हित तपेंगे, बोलो, भारत माता की जय। बोलो, धरती माता की जय। विजयी विश्व तिरंगे की जय। बिगुल हाथ में लेकर बोलें, सारा विश्व हमारा भारत वर्ष हमारा। जलियां वाला […]
काव्यभाषा
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