
कण-कण में अरमान भरा है,
गौरव और अभिमान भरा है,
विश्वबन्धुत्व हित जिए हैं,
सदा मातृभूमि हित जिएँगे,
सदा मातृभूमि हित तपेंगे,
बोलो, भारत माता की जय।
बोलो, धरती माता की जय।
विजयी विश्व तिरंगे की जय।
बिगुल हाथ में लेकर बोलें,
सारा विश्व हमारा भारत वर्ष हमारा।
जलियां वाला बाग हत्याकाण्ड
विदेशी शासकों का एक ऐसा कारनामा,
जो आज भी धधक रहा सीने में,
निर्दोषों ने क्रूरता की गोलियाँ खाईं
अन्याय विरुद्ध राष्ट्र हित जीने में।
शहादत ऐसी कि युगन शीश झुकेंगे,
अपनों की ही कुटिलता के शिकार
अपने ही बलि चढ़ गये, गाथा ये कहेंगे।
वतन के वास्ते जिए हैं,
वतन के वास्ते जिएँगे,
प्रण-प्राण से इतिहास रचेंगे।
#मणिमाला शर्मा,
इंदौर, मध्यप्रदेश