आज हर शाम तन्हा गुजर जाती है, किसी की याद में आंखे भर जाती है, बेचैनियों में काटती है मेरी राते, हर रात तन्हा गुजर जाती है, कोई शामिल नही मेरे दर्द में तेरे सिवा, अब हर कोई गैर नजर आता है, कोई रूबरू हो अगर मेरी ज़िंदगी की कहानी […]
विविधताओं में एकता की परिभाषा से अलंकृत राष्ट्र यदि कोई हैं तो भारत के सिवा दूसरा नहीं | यक़ीनन इस बात में उतना ही दम हैं जितना भारत के विश्वगुरु होने के तथ्य को स्वीकार करने में हैं | भारत संस्कृतिप्रधान और विभिन्न जाति, धर्मों, भाषाओं, परिवेश व बोलियों को […]
जहाँ हुए बलिदान प्रताप और जहाँ पृथ्वीराज का गौरव हो,जहाँ मेवाड़ धरा शोभित और जहाँ गण का तंत्र खड़ा हो,ऐसा देश अकेला भारत है,परन्तु वर्तमान में जो हालात विश्वपटल पर पहुँचाए जा रहे हैं,वो भारत का असली चेहरा नहीं है। बलिदानों और शूरवीरों की धरा पर बच्चों पर हमले,राष्ट्र के […]
वो जो हर रोज बरसते थे घटाओं की तरह , हम भी एक रोज जो बरसे तो बुरा मान गए। कभी शाखों से गुलों को नहीं तोड़ा करते, उनको दी थी जो हिदायत तो बुरा मान गए। फूल मसले जो उन्होंने नहीं देखे कांटे, एक कांटा जो चुभा था तो […]
एक दौर था,जब साहित्य प्रकाशन के लिए रचनाकार प्रकाशकों के दर पर अपने सृजन के साथ जाते थे या फिर प्रकाशक प्रतिभाओं को ढूँढने के लिए हिन्दुस्तान की सड़कें नापते थे,परंतु विगत एक दशक से भाषा की उन्नति और प्रतिभा की खोज का सरलीकरण `सोशल मीडिया` के माध्यम से हुआ […]
समग्र के रोष के बाद,सत्य की समालोचना के बाद,दक्षिण के विरोध के बाद,समस्त की सापेक्षता के बाद,स्वर के मुखर होने के बाद,क्रांति के सजग होने के बाद,दिनकर,भास्कर, चतुर्वेदी के त्याग के बाद, पंत,सुमन,मंगल,महादेवी के समर्पण के बाद भी कोई भाषा यदि राष्ट्रभाषा के गौरव का वरण नहीं कर पाई तो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।