विशाल भावना लिए,करे समृद्ध मंच को, विशुद्ध छंद काव्य से,प्रमाण दे प्रपंच को। विराट  रम्य  वैभवी,नमो  नमो  विशारदे, विराज मात शारदे,मनोज्ञ  भान  तारदे॥ नमो नमामि भारती,सरस्वती  प्रभा झरी, सुरीति नीति प्रीति लै,सुहंसवाहिनी  ठरी हे ! चंद्रकांत शारदा,सुमंगली  ब्रह्मेश्वरी, सुबुद्धि,ज्ञान दान दे,अनंत दिव्यता धरी॥               […]

किसको सुनाएं गरीब कहानी गुरबत की। मर-मर के जीना है ये निशानी कुदरत की॥ न बरसात हो तो खेतों के सूखने का खौफ। अगर बरसात हो जाए फिक्र होने लगे छत की॥ गरीबी से हो जब रिश्ता,न रिश्तेदार रहते हैं। न खैर की उम्मीद,न उम्मीद किसी खत की॥ तमाम उम्र […]

राही हूँ इस सफ़र का, तो हिस्सा हूँ किसी क़ाफ़िले का, मंज़िल मेरी मुझे कहीं नज़र न आई, सफ़र तय कर आया मीलों का॥ दुनिया की भीड़ में शामिल हूँ, अलग से मेरी कोई  पहचान नहीं, ख़ुद से बेख़बर दौड़ रहा हूँ वो दौड़, जिसका कोई अवसान नहीं॥ पैरों तले […]

कभी शोक कभी हर्ष है,       जीवन तो संघर्ष है। नाते-रिश्ते झूठे सारे,          बिन मुद्रा सब व्यर्थ है। जाति,धर्म,संन्यास,गृहस्थी,         कामवासना मोह मद। अपनी-अपनी सबकी तिकड़म,           अलग सभी के अर्थ हैं। राजनीति की लुटिया लेकर,   […]

‘जीएसटी’ का मतलब समझो, समझ भी लो कर्तव्य हमारा। व्यापारियों चिंता मत करना, जन-जन से कर देश हमारा॥ न छूट जाए कोई भी हमारा, भारत वर्ष है सबको प्यारा। चलो बढ़ाओ हाथ मिलकर, यही राष्ट्र का उत्तम नारा॥ मजबूत बनाओ भारत प्यारा, हो दुनिया में सबसे न्यारा। अमीर-गरीब सभी कर […]

कहते हैं जनाब यहाँ,भरपूर रोजगार है…, कितनों का बाकी है कर कितनों का गिरवी है घर, कितनों के ऊपर देखो टूटा ये पहाड़ है… किसी की बेटी भूखी, किसी का बेटा भूखा किसी का भूखा यहाँ पूरा परिवार है,.., कोई आधा चोटिल है कोई पूरा घायल है, कोई अपने घर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।