काठ- लोह ना स्वर्ण -रजत का है मेरा सिंहासन, कलम -स्याह के आसन बैठ करता हूं मैं शासन । नीले काले स्याह से लिखता, प्यार मोहब्बत की बातें । प्रिय -प्रेयसी के बढ़े, धड़कन की जज्बातें। जन -समाज की  पुकार सुन , दौड़ा चला आता हूं । शब्द सुमन अर्पित […]

हांथों में तिरंगा लिए,शान रखता हूँ मैं हिंदुस्तानी हूँ पहचान  रखता  हूँ इरादे अपने मैं  बदल नहीं  सकता हँसता हूँ हँसाता हूँ मुस्कान रखता हूँ जीना है मरना है वतन के खातिर कफ़न मेरा तिरंगा हो अरमान रखता हूँ हिन्दू,मुसलमान,शिख हो या ईसाई भाई हैं सभी मेरे सम्मान  रखता हूँ […]

कलम चले सतत समय सी, लिखती नई  इबारत  सारी। इतिहासों  को कब  भूलें है, लिखना देव इबादत  जारी। …….✍✍ घड़ी  सूई व चलित लेखनी, पहिये कालचक्र अविनाशी। चलते लिखते घूम घूम कर, वर्तमान- भावि – इतिहासी। ……✍✍ मिटते नहीं  कलम के लेखे, जैसे  विधना लेख अटल है। हम तो बस […]

निर्भया : कविता संग्रह लेखक : सुरेश सौरभ प्रकाशक : नमन प्रकाशन, लखनऊ मूल्य : 50 आवरण : पेपरबैक ‘निर्भया’ पुस्तक का नाम है या नाम है आक्रोश का? सामने टेबल पर रखी इस पुस्तक को पिछले कई हफ्तों से देख रही हूँ। कई बार पढ़ने को हाथ में लिया, […]

जैसा वह रखेगा वैसे रहेंगे हम जो वह खिलायेगा वही खाएंगे हम जो वह पहनायेगा वही पहनेंगे हम पिता है वह हमारा सुख शांति देता है दुःखो को हर कर हमारे असीम खुशी देता है स्वर्ग का वह रचियता परमात्मा ही तो होता है। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ […]

पंच से अपने कमाल कर दिया मेरीकॉम आपने देश का नाम कर दिया। नारी की महिमा को नाम दे दिया 35 की उम्र को भी मात दे दिया मेडल स्वर्ण देश के नाम कर दिया।। बच्चों को भी पाला मां का फर्ज भी निभाया। तेरी दृढ़ शक्ति से इतिहास बन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।