बिल्कुल लल्लन टॉप लिखूंगा गहहे को भी बाप लिखूंगा नेताओं के नाम जहां हैं मैं तो अजगर साँप लिखूंगा जुमलेबाजी जब लिखना हो छप्पन इंची नाप लिखूंगा छपम-छपाई हल्लम-गुल्ला मैं तो बस चुप चाप लिखूंगा लड़ो लड़ाई  तुम मंदिर की मैं सीता का शाप लिखूंगा #दिवाकर  Post Views: 268

न कर बर्बाद अपना वक्त ए दीवाने जा नसीब अपना कहीं और आज़माने जा ======================== तेरे अपनों को तो फुर्सत नहीं है सुनने की किस्से अपने अब तू गैरों को सुनाने जा ======================== पहले से ताल्लुकात न रहे हों अब मगर मिज़ाज़ पूछने की रस्म तो निभाने जा ======================== नाकामयाब […]

ओम शब्द मे स्थित हो मिल जाती है शांति ओम शांति अभिवादन भी शांत स्वरूप आत्मा भी निश्चय बुद्धि रहे परमात्मा से ऐसा बीज मन्त्र करिश्मा भी परमात्मा  पिता भी, गुरु भी हमे पढ़ाता भी, सीखाता भी दुःख हरता भी,सुख दाता भी विकारमुक्त कर पवित्र बनाता भी शिव शक्ति हमे […]

  .        सहज कार्य, प्रीत सजल है, नर्मद सम् पावन दृगजल हैं। प्रेम  प्रीत  का पावन झरना, नेह स्नेह अभिलाष सरल है, करबद्ध जन्मदिन कहना है। अपनी प्रिय पावन बहना है। जीवन सुरभित चंदन जैसा, मैना  कोयल  जैसा स्वर है। वर्ण सुवर्ण,भाव  भी  उत्तम, मीन से अक्षि सौम्य सुघर है। […]

बोते हैं हम अपना भविष्य बच्चों में, देते हैं  खाद -पानी और वातावरण । ताकि बन सकें वे अच्छे इंसान जीवन में! हम सोचते हैं वे  होकर बड़े लग जाएंगे हमारी सेवा में, क्योंकि हमने बोया था अपना भविष्य अपने बच्चों में । हम उनसे पूर्ण समर्पण हैं चाहते, हम […]

आओ रंगबिरंगे कागज की एक नैया बनाते है। फिर से बारिश के पानी पर उसे चलाकर, गए बचपन को चलो फिर लौटा लाते  है।। वो हवाईजहाज कागज का,चलो फिर उड़ाते है। छोटी छोटी चीजो को पाने से मिलती थी खुशियाँ, उन्हें  फिर से  अपने  लिए पाने को हाथ बढ़ाते है।। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।