अजन्मा, अविनाशी ,अशरीरी है शिव हम सबका पालक परमात्मा है शिव खुशी,सुख,प्रेम ,आंनद वह देता है समेटकर दुःख सारे, वह हर लेता है पिता,गुरु,शिक्षक का शिव से नाता है ज्ञान,सेवा,धारणा वह सिखलाता है अशांति,द्वेष,तनाव दूर भाग जाते है शांति,सदभाव आकर बस जाते है ज्योतिबिंदु स्वरूप है परमात्मा उसी स्वरूप में […]
काव्यभाषा
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