कलुष-कलि-कलश पर, गीता यष्टी  प्रहारक  है। कर्म ज्ञान  और भक्ति, यह सबका विचारक है॥ सुरभि श्री कृष्णारविन्द की, अर्जुन -अलि का  प्यारा । जगत की  पापनाशिनी, परम सुरसरि की है  धारा॥                                       […]

जागता ही रहा चाँदनी के लिए, रातभर चाँद घन में छुपा ही रहा…। भावनारण्य में मन भरमता रहा, भाव जाने न कितने तिरोहित हुए। बादलों ने बदल आचरण निज दिए, और छद्मोन्मेषी पुरोहित हुए। दे गया भ्रम पुनः कर गया विभ्रमित, चित्त फिर भी न विचलित हुआ,सब सहा…….। आज अवकाश […]

भारती भारती,माँ भारती भारती। माँ भारती की कीजिए मिल के आरती। भारती……………ll गूँजती दशोदिशम्,कीर्तियाँ जनोजनम्। पूँजती मनोजनम्,मूर्तियां तपोभवन्। भारती भारती…….ll भारती जयोजयम्,विश्वभर नमोनमन्। सभ्यता उत्थोनयम्,संस्कृति नमोनमन्। भारती……………..ll मुकुट है हिमालयम्,देवता शिवालयम्। पगो दे पखारयम्,दक्षिणेन जलालयम्। भारती……………..ll ललाट लेप चंदनम्,सुगंध पुष्पअर्पणम्। जनमोजनम वंदनम्,भारतीय नंदनम्। भारती……………..ll हरितवर्ण सुंदरम्,सौंदर्य मनोहरम्। नदय,झर,सरोवरम्,रक्षकाम् धरोहरम्। भारती………………ll […]

चंद दिनों का ये जीवन है,खुद पर इतना गुरुर न कर, बैर भाव न रख तू मन में,खुद को सबसे दूर न कर ll जग में खाली हाथ तू आया,खाली हाथ ही जाएगा, न कुछ तेरा न कुछ मेरा,यहीं  सब कुछ रह जाएगा l मीठे-मीठे बोल से तेरे,दिल सबका खुश […]

काम जिनको घर में तमाम होगें, उनके लिए खास कहाँ हम होगेंl बीते हैं जिनके दिन बड़ी मुद्दत से, उनके लिए त्यौहार क्या कम होगेंl बड़ी शिद्दत से सजाया होगा घर को, उन्हें क्या मालूम मेहमान हम होंगेl चल दिया है राह में मिलने को उनसे, अब न मालूम कितने […]

सोच रहा कल अच्छा हो तो, अपनों  को नाराज़ न कर। जिनके दम पर दमक रहा है, उनको यूँ मोहताज़ ना कर॥ कल का प्रतिफल आज मिला है, आज का कल मिल जाएगा। घाटा-नफ़ा लगा रहता है, खुद को बे-अन्दाज़ न कर॥                 […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।