दो धुरी की सृष्टि सारी एक है नर एक है नारी छोटा बड़ा नही है कोई इन्ही से बनती सृष्टि सारी बिन नारी के पुरुष अधूरा पुरुष बिन अधूरी है नारी दोनों पूरक एक दूजे के सृष्टि दोनों से चलती सारी नारी बिना घर नही बनता नारी से ही संस्कार […]

मैं अब अबला नादान नहीं हूं .. दबी हुई पहचान नहीं हूं .. रखती अंदर खु़द्दारी हूं। हां मैं उत्तर प्रदेश की नारी हूं। अपने आत्मबल से जीती हूं। शिक्षित समाज को रचती हूं । नए भारत को निर्मित करने निकली हूं। हां ,मैं उत्तर प्रदेश प्रेरक प्रदेश की नारी […]

मान मिले सम्मान मिले, नारी को उच्च स्थान मिले। जितनी सेवा भक्ति वो करती। उस से ज्यादा सम्मान मिले। यही भावना हम भाते, की उसको यथा स्थान मिले।। कितना कुछ वो, दिनरात करती है। घर बाहर का भी देखा करती है। रिश्तेदारी आदि निभाती। और फिरभी वो थकती नहीं।। किये […]

महिला दिवस आज है,सुनो पवन कुमार। बल बुद्धि विद्या ये देवे,हरे क्लेश विकार।। महिलाओं ने किया है,तीनों लोको मे नाम उजागर। इन्हीं के कारण से पार होता सब का ये भवसागर।। महिलाओं ने बनाए हैं विश्व में अनेकों कीर्तिमान। उनको मिलते रहते है,विश्व में अनेकों ही सम्मान।। महिलाए नहीं होती […]

ज़िन्दगी में किसी पे मेहरबां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ रही लेकिन ज़िन्दगी में सलीके की जुबां हम थे। ये तख़्तों ताज हुकूमत कब तलक वो सब भी वहाँ […]

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ यह अभियान आगे बढ़ाओ बहन बेटियो को सम्मान दो नारी सुरक्षा को आयाम दो माँ का बुढ़ापा संवर जाये जीवन संगिनी सम्मान पाये नारी को बराबरी का हक मिले अबला शब्द से उसे मुक्ति मिले देवी स्वरूपा होती है नारी जगत जननी कहलाती नारी ग्रह नक्षत्र […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।