वे सारे लोग सिर झुकाकर खड़े थे। उनके कांधे इस कदर झुके हुए थे कि पीठ पर कूबड़-सी निकली लग रही थी। दूर से उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे सिरकटे जिस्म पंक्ति बद्ध खड़े हैं। मैं उनके नजदीक गया। मैं चकित था कि ये इतनी लम्बी लाईन […]
लेकर चमन की सारी खुशियाँ मचलने लगी है बागों की कलियाँ । नीली , पीली , रक्तिम , गुलाबी खिलने लगी है बागों की कलियाँ ॥ ओस की बूँदों पे सूरज की किरणें पड़ते ही सजती है मोती की लड़ियां । रंग -बिरंगी विभिन्नाकृतियाँ अवनि पे उतरी इन्द्रधनुषी छवियाँ । […]
नव वर्ष का स्वागत सत्कार करेंगे एकदूजे से बेइंतेहा प्यार करेंगे डीजे बजा बजा कर करेंगे मस्तियाँ मिलकर साथ सारे बातें हजार करेंगे पिकनिक कोई पार्टी में धूम मचेगी वीराने में भी देखना हम बहार करेंगे पास किसी के कोई गम भी न होगा इस तरह खुशियों की बौछार करेंगे […]
पुराना साल जाने वाले है,उनको अलविदा नया साल आने वाले है, उनको नमस्कार।। कैसे-कैसे कठिनईयां आई पुराने साल में कैसे-कैसे घटना-घटी जिंदगी की राहे में कुछ गलतियाँ हुई पुराने साल में,अनजान कुछ सिख की नई अनुभव मिली इस जहाँ में।। कुछ दोस्त बने पुराने साल की इस सफर में कुछ […]
जीवन की आखिरी पड़ाव पर कुछ एहसास बाकी है। मूँदते आँखो से कुछ देखने की शायद आस अभी बाकी है। सफर में जो छूट गए थे अधूरे से सपने उन्हें पूरा होने की उम्मीद बाकी है। ऐसे तो न थे तेरे इरादे बदले हुए तेवर की फजीहत अभी बाकी है […]
इश्क शहनाई प्यारे नगाड़ा नहीं। मुहब्बत दूनी दो का पहाड़ा नहीं। बेवफ़ा ना मुझको ऐसा इल्ज़ाम दे। घर वफ़ा ने किसी का उजाड़ा नहीं। दिल लगी तुम्हारा है खेल क्या। यह अनमोल गोहर कबाड़ा नहीं। यह वहम कि मैं हिरनी हूं शेरनी। खैर मानो अभी तक दहाड़ा नहीं। जिंदगी वो […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।