बापू थारा देश मा,काइ-काइ रगड़ा होवे रे। कोई जीमे दूध राबड़ी,कोई भूखा भटके रे॥ लालू बोले अरे मोदीड़ा भैंस पटकनी दे दी रे। मोदी थारा राज मा घणा गीदारु बोले रे॥ जाके लागी नोट की ठोकर वाका जिवड़ा डोले रे। पांव तले अंगार जले ने,दूजा ने चोर बतावे रे॥ बिल्ली […]

आज का दिन याद है मुझे, शहीदों की कुर्बानी ने, हमें आजादी दिलाई थी, हम सबको आजाद भारत की तस्वीर  दिखाई थी। भारत माता के पुत्र हैं हम, उस माता के शीश पर फूल चढ़ाना है स्वतंत्रता दिवस गर्व से मनाना है, प्यारा है तिरंगा हमारा सबसे अनोखा है यारा। […]

तेरे आँचल में हमने माँ, जीवन अपना काट दिया, तेरे आँचल की खातिर माँ, सर पे कफ़न अब बाँध लिया छू न पाएगा दुश्मन भी, तुझको माँ ये वचन दिया, माँ तुझे सलाम माँ तुझे सलाम…..। बन के तेरे रक्षक हम माँ, बेटे का फर्ज निभाएंगे, कसम हमें जननी की […]

कौम-वाद,जाति-वाद, सम्प्रदाय-वाद,आरक्षण। जनता का यूँ, कर भक्षण, और कितनी,रोटी सेकोगे? सुन-सुन कान,पके हैं सबके, बोलो कब तक,यूँ फेंकोगे॥ ये असुरक्षित,वो गद्दार, कोई न वतन का,पहरेदार। आग लगाकर,अमन-चमन में, हाथ भला,कब तक सेकोगे? सुन-सुन कान,पके हैं सबके, बोलो कब तक,यूँ फेंकोगे॥ भले देश,नष्ट हो जाए, बस गद्दी इन्हें,मिल जाए। लोगों की […]

             शत-शत नमन…,             भारत में हो अमन…। सागर तेरे चरण पखारे रक्षक बन पर्वत संहारे, नित-नित हम शीश झुकाते…॥ वृक्ष जहां अम्बर कहलाते हरियाली बन धरा सजाएं, क्यूँ न हम शीश झुकाएं…॥ पावन माटी सोना उपजाती खलिहानों से भूख […]

कल तक उनकी किलकारी, से आंगन महका करता था। कभी पापा तो,कभी मम्मी, की गोद में बैठा करता था॥ न चीत्कार न कोई हलचल, गहरी नींद में लाल सोया था। देखकर मंजर हर किसी का आज कण-कण  रोया  था॥ रोंगटे  खड़े हो जाते हैं  मेरे, उस मंजर के बारे में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।