इन्दौर। सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. एस.एन.तिवारी की स्मृति में श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में इंदौर के पांच साहित्यकारों का सम्मान किया गया। यहाँ मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रो.कमल दीक्षित ने लेखक विजयसिंह चौहान को साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया।  अनेक नामचीन साहित्यकारों के इस शहर में […]

दर्पण दिखाता है शक्लो सूरत,  सामने जैसी भी हो मूरत, सज धजकर सलीके से बैठो तो खूबसूरती दर्शाता है उबासियाँ, बेतरतीबियाँ, बदगुमानियाँ भी दर्शाता दर्पण जैसा हो प्रतिबिंब, वैसा ही नजर आता है , विषादयुक्त, हास्ययुक्त छवियाँ दर्शाता है दर्पण , बाहरी रूपरंग दर्शाने के साथ अन्तर्मन का भी साथी […]

मम्मी! आप नीचे गिर जाएंगी, क्या मैं यह समान आपको उतार कर दे सकती हूँ? पता नहीं अचानक आई आवाज़ से या ऊपर रखे कार्टन को ढंग से न पकड़ पाने की वजह से, मेरा सन्तुलन बिगड़ गया और ऊपर से ही भरभरा कर मैं जमीन पर गिरने ही वाली […]

प्राची में बिखरे कुंकुम, रतनार नयन मन हो जाये ! आलोकित उर अर्णव मुख , तम तोम सहमकर रह जाये !! भोर कटोरी ,हो मधु  बोरी सुरभित अम्बर छोर हो ! जब मधुर सुहानी भोर हो !!! आशाओं की विकसे कलियाँ, उत्साह उरों में मुस्कुराये ! खग -कुल कुल -कुल […]

जब भी खोली मन की किताब पन्ने सारे सफेद मिले ऐसा लगा कि जीवन सारा श्वेत जल की धारा सा रहा जीवन के इस सफर में लोग तो अनगिनत मिले पर ऐसा कोई न मिला जो मेरा हमसफ़र बने अनगिनत लम्हे ,यादें व सुनहरे पल इन यादों को देते हैं […]

एकबारगी मैं तो पहचान ही नहीं पाया उन्हे । कहां वो अन्नपूर्णा भाभी का चिर-परिचित नितांत घरेलू व्यक्तित्व , और कहां आज उनका ये अति आधुनिक रूप ! इस वक्त तो चोटी से पांव तक वे पूरी तरह बदली-बदली सी लग रही थीं । इस वक्त उन्हे यहां देखकर मुझे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।