सभ्यता समाज के सकारात्मक प्रगतिशील और समावेशी विकास को इंगित करने के लिए किया जाता है। सभ्यता के अंतर्गत उन्नत कृषि लम्बी दूरी का व्यापार नगरीकरण आदि की उन्नत स्थिति दर्शाता है।सभ्यता कुछ माध्यमिक तत्वों यथा विकसित यातायात व्यवस्था लेखन मापन के मानक विधि व्यवस्था कला की प्रसिद्ध […]

कोलकाता | ‘अपनी भाषा’ संस्था ने अपना अठारहवाँ स्थापना दिवस समारोह मनाते हुए भारतीय भाषा परिषद सभागार में ‘बौद्धिक समाज और भाषिक उदासीनता’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया. विशिष्ट अतिथि डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि ‘अपनी भाषा’ वह मशाल जला रही है जो भारतीय भाषाओं को […]

आज भी लुट रहा है, चीर नारी का। नारी, हर किसी पर है भारी। लेकिन न जाने क्यों हो रही है उसके साथ घटना दिन प्रतिदिन। कहते भी है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता” , फिर भी कर रहे हैं, छल,कपट,अत्याचार नारी के साथ, हम और आप मिलकर। […]

साल  दर  साल  यूँ  ही  बदलते  चले  गए, उम्र  बढ़ती  गई  , सपने   मरते  चले  गए। क्या  कुछ  बदला  पिछले  कुछ सालों में, हाँ  हर  साल  धोखो  के  चेहरे बदल गए। साल  दर  साल  मेरा चेहरा बदलता चला गया, चेहरे   पर  नई  लकीरो के  साये  बढ़ते चले गए, मैं रोक […]

भारत और चीन थे भाई-भाई, प्रीति रही क्या भली बनाई, खाते -पीते साथ मिलि राजा, हम एक-दूसरे के नहीं करें अकाजा, लेकिन चीन की नीयत थी खाम, उसने कर दिया बहुत घिनौना काम, किया नहीं यह अच्छा काम, भारत देखे घर और खेती बारी, उधर दुष्ट चीन करे युद्ध की […]

ईश्वर की सौगात है हवा,पानी और अन्न बिना इनके जीवन अधूरा चाहे राजा हो या रंक फिर भी भूल जाते ईश्वर को नही मानते उनका आभार स्व अभिमान  का नशा चढ़ाकर भूल जाते सद्व्यवहार ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का भाव न विस्मरत कीजिए जब भी अवसर मिले स्वयं से परमात्म […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।