याद है क्या अभी भी तुमको, वो पहली मुलाकात, जब टकराये थे हम दोनों इत्तेफाक से उस रात, याद है क्या अभी भी तुमको,पहली दफा जब भीगें थे साथ-साथ, वह बिजली की चमक,तेेेज गड़गड़ाहट और मद्धम सी बरसात, याद है क्या अभी भी तुमको,जब पहली बार थामा था मेरा हाथ, […]

संक्रांति त्योहार तीर्थ पुण्य दान। दानी देते तिल गुड भोजन दान।। पशुओं को खिलाकर चारा दान। अतिथि देवो भव: गृह की शान।। यज्ञ अग्नि में करते समिधा दान। पुरोहितों को देते प्रिय वस्तु दान।। कर्ण ने रखा अतिथि पुरंदर मान। इंद्र को दिए कवच  कुण्डल दान।। राजा ने दिया बूढ़ी […]

जगत अपने काम काज निपटा कर ट्रेन पकड़ चुका था।आज वह पिछले छः महीने बाद अपने गाँव लौट रहा था।यहाँ परदेश में कमाकर वो गाँव में खेती करता था।अभी बरसात के सीजन चल रहे थे। इसलिए वो खेतों के बारे में सोचता हुआ ट्रेन में झपकी ले रहा था।उसके साथ […]

तकिए के नीचे धरे हुए हैं रुपए कई हजार वैद्य कौन बुलाएगा जब पास ना  हो परिवार कंधे पर लेकर घूमता था तुझको तेरा बाप घोड़ा बनकर पीठ दी यह कैसे भूले आप बूढ़े बीमार मां बाप का तू दे आज संवार बिन मांगे प्रभु देंगे कल तेरे काज सुधार […]

अनकही सी लबों पे रूकी ख्वाहिशें   सहमी सी गुमशुदा सी .. हुई मुहब्बत में मैं लापता सी … इक खता की  हुई ख़ुद से भी मैं जुदा सी .. इक जफा जो .. बनी सजा हीं.. पर दबी रही रूह में उमर भर की वफ़ा भी हरकत लफ़्जों की […]

पहली बारिश में अपने तन-मन को भिगोता बचपन। प्रेमी के प्यार से अपने आपको बढाता बचपन। बोझ हंस-हंस के जिन्दगी का यूँ ढोता बचपन। कहीं खाना परोसता,कहीं बर्तन धोता, कहीं सडकों के फुट-पात पे यूँ अधनंग सोता। खेल की उम्र में बचपन को खोता बचपन। बोझ हंस-हंस के जिन्दगी का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।