Read Time41 Second

अनकही सी
लबों पे रूकी ख्वाहिशें
सहमी सी
गुमशुदा सी ..
हुई मुहब्बत में मैं
लापता सी …
इक खता की
हुई ख़ुद से भी
मैं जुदा सी ..
इक जफा जो ..
बनी सजा हीं..
पर दबी रही रूह में
उमर भर की वफ़ा भी
हरकत लफ़्जों की
हुई बयाँ भी
सांसों में चलती
मुहब्बत की दास्तां भी
ख़ामोशी मेरी..
अश्को से मिली…
फिर भी आज़ हूँ मैं तन्हा सी ..
अनकही सी लबों पे थिरकी पर हुई न बयाँ हीं
#डेज़ी बेदी जुनेजापरिचय-
नाम………डेज़ी बेदी जूनेजा
जन्मतिथि……1मई
पता…….मोहाली (चंडीगढ़ )
Post Views:
530