1

‬अन्तःस्थल में उठती भाव रुपी लहरें, जब अनवरत हिलोरे खाती है। तब मानस पटल पर सहसा ही, कविता अंकित हो जाती है। हो जाए तो क्षण भर में ही, अन्यथा लम्बी यात्रा करवाती है। कभी कल्पना की उड़ान के साथ तो कभी निज अनुभवों को गाती है। कभी किसी दूसरे […]

तुम्हीं से प्यार करते हैं तुम्हीं पे जाँ लुटाते हैं, मगर चाहत की ये बातें तुम्हीं से हम छुपाते हैं। कभी हम दूर जाते हैं कभी खुद पास आते हैं, यकीं खुद पे नहीं आता तभी तो आजमाते हैं। तुम्हीं से प्यार……….। मेरे दिल में रहोगे तुम सदा अहसास बनकर […]

3

इस जहान में,सब कुछ संभव होता है। बस मन को,बेवकूफ बनाना पड़ता है॥ मन पल-पल में,विचलित हो अकड़ता है। बस   थोड़ा   साहस,जुटाना पड़ता   है॥ ख्वाबों  के समंदर,नित बनाने होंगे। भिन्न-भिन्न तरीके,अपनाने होंगे॥ लोगों के तानों का भी,पारा चढ़ता है। बस थोड़ा साहस,जुटाना पड़ता है॥ लक्ष्य न भूले,तो […]

हाँ वो जनवरी 2 ही थी,जब वह मिताक्षरा से आखरी बार मिलने गया था। उसके मन में प्यार को लेकर तड़प-जलन-शिकवा-शिकायत सब कुछ था जिसे वो आज अपनी मीतू के सामने कह देना चाहता था। उसकी याददाश्त भी इतनी जबरदस्त कि,पिछले ७ सालों का हर लम्हा अंगुली पर गिना सके। […]

सुनो प्रिये! मैंने अपने पूरे होश में तुम्हारे नाम वसीयत में लिख दिया, सम्पूर्ण प्रेम.. सोचता हूँ तुम्हारा संवेदनशून्य मलिन-भावनाविहीन ह्रदय नहीं महसूस पाएगा उस वसीयत की अहमियत और तुम्हारे जीवन की उलझी शाम में खुरदरे हुए हाथों के स्पर्श से मेरी देह नहीं ले पाएगी सुख स्पंदन का ही, […]

आलीशान इमारत की बुनियाद, और तारीख लिखता मेरे देश में.. अपने लहू से हर ईंट को सींचता, हर एक निरीह मजदूर मेरे देश में। तन पर जिनके एक भी कपड़ा नहीं, पेट पर बंधे हैं पत्थर भारी-भरकम.. जाने किन हालातो में है जीता-मरता, भूख से लड़ता मजदूर मेरे देश में। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।