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तुम्हीं से प्यार करते हैं
तुम्हीं पे जाँ लुटाते हैं,
मगर चाहत की ये बातें
तुम्हीं से हम छुपाते हैं।
कभी हम दूर जाते हैं
कभी खुद पास आते हैं,
यकीं खुद पे नहीं आता
तभी तो आजमाते हैं।
तुम्हीं से प्यार……….।
मेरे दिल में रहोगे तुम
सदा अहसास बनकर के,
निगाहों में रहोगे तुम मेरी
ही तलाश बनकर के।
कभी दिल से ये कहते हैं।
कभी तुमको सुनाते हैं।
यकीं खुद पे नहीं आता,
तभी तो आजमाते हैं।
तुम्हीं से प्यार……..।
तेरी राहों में अब दिल है
इसे चाहो या ठुकराओ।
तुम्हीं को चाहेंगे हर पल,
मुझे चाहो या न चाहो।
कोशिशें लाख करके भी
ये तुमसे कह न पाते हैं।
यकीं खुद पे नहीं आता,
तभी तो आजमाते हैं।
तुम्हीं से प्यार………।
अगर चाहत नहीं हमसे
सनम हमको बता देना,
मेरे खत की खता पर दिल
जो चाहे वो सजा देना।
भुला पाए न दिल तुमको,
मगर फिर भी भुलाते हैं।
यकीं खुद पे नहीं आता,
तभी तो आजमाते हैं।
तुम्हीं से प्यार करते हैं।
तुम्ही पे जाँ लुटाते हैं।
#सन्दीप कुमार ‘अज़नबी’
परिचय: सन्दीप कुमार ‘अज़नबी’ मूल रुप से उत्तरप्रदेश के उरई(जालौन) के हैं। आपकी जन्म तिथि २ जून १९७६ तथा शिक्षा स्नातक है। वर्तमान में दिल्ली मैट्रो प्रोजेक्ट (सिविल कन्सट्रक्शन मैट्रो टनल) में कार्यरत हैं। काफी समय से लिखने का शौक है।
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