संजू

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edris
इदरिस खत्री द्वारा,,,,
दोस्तो संजय दत्त की ज़िंदगी
किसी फिल्मी कथा से कम नही रही है
राजकुमार ने बायोपिक बना कर निश्चित ही कोई सट्टा नही खेला
संजय की ज़िंदगी नामा हर भारतीय जानना चाहता है
नाम, शोहरत, पैसा अगर आता है तो
नशा, सेक्स, पीछे से दबे पांव आना लाजमी है|
जैसे गाड़ी खरीदी तो पेट्रोल लाजमी होगा
वेसे ही नाम, शोहरत, पैसा जब पैरों तले आता है तो
नशा,लडकिया आना लाजमी होगा|
नही तो वह शख्स सन्त ही होगा
जो बच निकले इस से
ख़ैर
संजू पर कुछ तथ्य पता चले है जो कि फ़िल्म में होंगे या नही इसका इंतजार रहेगा
संजू की ज़िंदगी मे रोमांस, ड्रग्स, जेल, हथियार, मिलना बिछड़ना, त्रासदी, योग सन्योग, बम ब्लास्ट, दंगे, फिल्मी उतार चढ़ाव,  जेल, कोर्ट कचहरी, पोलिस,सज़ा,
का ऐसा मिक्षण है जो कि फ़िल्म के लिए वाजिब मसाला हैं
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पिता देश मे शासित पार्टी के सांसद होने के साथ सफल कलाकार
माता भी आले दर्जे की स्टार
देश के सबसे बड़े गांधी  घराने में आना जाना रसूख
तो पैदा करता ही है
नरगिस जब सुनील दत्त से शादी करना चाहती तो राज कपूर राजी नही थे तो
इंदिरा गांधी ने राजकपूर को फोन पर समझा कर (या कहे धमका कर चुप किया था तो गलत न होगा शायद )
सुनील दत्त ने मदर इंडिया में शूट में लगी आग में से जान जोखिम में डालकर नरगिस को बचाया था तब से नरगिस सुनील पर मोहित हो गई थी,
लेकिन राज कपूर-नरगिस के प्रेम प्रसंग देश भर की फिल्मी किताबो अखबारों  की रोनक थे
राज कपूर नरगिस को खोना नही चाहते थे लेकिन नरगिस ने राज की मनमानी इंदिरा गांधी को बताई तो इंदिरा ने दोस्ती के नाते हस्तक्षेप किया और इंदिरा का कद उस वक्त इतना बड़ा था कि राजकपूर बात नही मानते तो शायद देश छोड़ना पड़ जाता
खैर
यह सुनील नरगिस की भूमिका जिनके आंगन में संजू खिला
नरगिस का असली नाम फातिमा रशीद था,
1959 को संजू ने दत्त परिवार में जन्म लिया
सुनील दत्त- नरगिस फातिमा सफल कलाकारों में शुमार थे
संजू के पैदा होने से पहले
नरगिस सुनील ने एक पत्रिका में विज्ञापन दिया कि लड़का-लड़की का नाम तजवीज(सजेस्ट) करो
उसमे एक नाम आया संजय
नरगिस को यह नाम इतना पसन्द आया कि उन्होंने कहा कि लड़का हुवा तो नाम संजय रखेगे
ओर संजय की शुरूआत हुई
संजय जब 9 साल के थे तब पहली बार पिता के एशट्रे में पड़ी आधी सिगरेट जला कर पी थी
लेकिन यह हरकते बढ़ती चली गई
सुनील ने अपनी राजनीतिक गुरु इंदिरा गांधी से विचार किया
तो संजू को बोर्डिंग स्कूल भेजने की सलाह दी
फिर उस पर अमल कर लिया गया तो संजू 9 साल बाद वहां से वापस आए
संजू आगे पड़ना नही चाहते थे लेकिन सुनील ग्रेजुएशन पर अड़े रहे और उनका दाखिला मुम्बई के एलबेन्स्ट कॉलेज में करवाया गया
लेकिन संजू पहले साल में मात्र  या 2 दिन ही कालेज गए, यही वह वक्त था जब संजू को हेवी ड्रग्स की आदत पड़ गई थी ,,
कालेज के दिनों में उन्हें एक्टर बनाने का मन मे आया
उन्होंने यह बात सुनील दत्त से सांझा की
सुनील ने कहा आसान नही है,
पहले 2 साल अभिनय की ट्रेनिंग लो फिर बात करेंगे, संजू फौरन तैयार हो गए,
संजय की पहली फ़िल्म के रिलीज के दौरान नरगिस का कैंसर अंतिम पड़ाव में था फ़िल्म रिलीज हुई 8 मई को ओर 3 मई को नरगिस दुनिया से रुखसत हो गई
तो संजय ने थियेटर में एक सीट खाली छोड़ी अपनी माँ की याद में,,
 टिना मुनीम ओर संजय रॉकी के सेट पर मिले थे और संजय उन्हें अपना दिल दे बैठे, दोनो का 2 साल तक अफेयर भी चला लेकिन ड्रग्स के चलते ओर चिड़चिड़े व्यवहार के कारण यह ब्रेकअप हो गया|
रॉकी के आउटडोर शूट के दौरान एक आदमी टीना को झेड रहा था तो संजू ने उस आदमी को खूब मारा था
संजू ने खुद यह बात कुबूल की थी एक साक्षात्कार के दौरान,,
अलग होने के बावजूद संजय टीना के लिए समर्पित थे
टीना ऋषि कपूर की एक फ़िल्म शूट में उठे गॉसिप पर संजू अपने दोस्त गुलशन ग्रोवर के साथ ऋषि कपूर को उनके घर मारने पहुच गए थे
तो नीतू सिंह ने मामला हैंडल किया और निपटाया था
उसी दौर में संजू बोल्ड अदाकारा किमी काटकर के अफेयर में पड़ गए लेकिन ड्रग्स के चलते यह अफ़ेयर भी रायेगा(खत्म)हो गया
ड्रग्स के चलते एक दिन संजू सो कर उठे तो उनके नोकर उनकी हालत देख कर रोने लगे थे
क्योकि संजू 2 दिन बाद सो कर उठे थे
लेकिन संजू ने खुद को ड्रग्स से अलग करने का मन बना लिया और अपने पिता से नशा मुक्त केंद्र (रिहेब)जाने की बात की
सुनील ने उन्हें अमेरिका के एक रिहेब(नशा मुक्ति केंद्र) भिजवा दिया जहां वह एक शख्स से मिले जिसने संजू को अमेरिका में खेतीबाड़ी का कामकाज का न्योता दिया और संजू ने मन बना लिया वही रूक कर काम करने का
लेकिन सुनील दत्त ने कहा कि एक बार फिल्मो में फिर कोशिश कर लो
संजू ने अनमने मन से फिर फिल्मो का रूख किया
संजू अमेरिका के रिहेब सेंटर में अर्नाल्ड स्वाजरेगर की फिल्मे देख कर प्रेरित हो गए थे
इंडिया आते ही उन्होंने शरीर सोष्ठव (बॉडी बिल्डिंग)पर काम शूरू कर दिया
इसके बाद संजू ने 2 फिल्मे की लेकिन दोनों पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई जिसमे एक थी जान की बाजी,
अब संजू को एक अदद हिट फिल्म की ज़रूरत थी और महेश भट्ट से फ़िल्म नाम मिली
यही से शुरू हुई संजू की दूसरी पारी फिल्मो में,,,
नाम की कामयाबी ने संजू को फिर से स्थापित कर दिया ओर समीक्षकों ने संजू के अभिनय का लोहा माना,
नाम के साथ संजू को फिल्मे मिलने लगी
सन 1996 संजू के लिए बढ़िया जा रहा था ड्रग्स को समस्या खत्म हो गई थी
तभी उनकी मुलाकात ऋचा शर्मा से हुई, दोनो की मुलाकात ओर एक साल में शादी कर ली 1998 में संजू के घर मे बेटी त्रिशा का जन्म हुवा, 6 महीने बाद ही ऋचा को ब्रेन ट्यूमर की बीमारी ने घेर लिया
ओर ऋचा को अमेरिका, न्यूयार्क के उसी अस्पताल में दाखिल किया जहां नरगिस का इलाज हुवा था,
संजू के लिए वह वक्त बेहद मुशक्कत भरा था
क्योकि एक तरफ केरियर दूसरी तरफ अमेरिका में भर्ती पत्नी
इसी दौर में संजू माधुरी दीक्षित पर मोहित हो गए और दोनो का अफेयर भी रहा
ऋचा ने कई साक्षात्कार में खुला कहा है कि माधुरी के कारण उनकी शादीशुदा जिंदगी खराब हुईं है
सूत्रों की माने तो संजय के जेल जाने के कारण माधुरी ने खुद को अलग कर लिया और कभी जेल में मिलने भी नही गई
इसी कारण बाद में दोनो ने साथ मे कभी कोई फ़िल्म नही की
ऋचा ओर संजय की तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई तो बेटी त्रिशा की कस्टडी संजू ने मांगी लेकिन संजू के परिवार ने कहा वह बच्ची अमरीका में पली है उसे वही बड़ा होने दिया जाए ऋचा के परिवार के साथ ही
जब ट्रिशना 10 साल की हुई तो संजू को कस्टडी मिली
लेकिन संजू के परिवार ने बच्ची को अमेरिका में ही रहने की सलाह दी
लेकिन अपने घर आने जाने की कोई पाबंदी भी नही रखी
आज भी संजू ट्रिशना से जुड़े हुए है
फ़िल्म साजन के लिए आमिर खान को अप्रोच किया गया था लेकिन आमिर किसी नए निर्देशक के साथ काम नहीं करना चाहते थे
तो यह किरदार संजय को मिला यही वह फ़िल्म थी जिसके लिए संजू पहली बार फ़िल्म फेयर के लिये नामित हुवे
1992 की फ़िल्म यलगार वेसे तो फ्लॉप फिल्मो में शुमार होती है लेकिन फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक फिरोज खान ने संजय की मुलाकात दुबई में दाऊद से करवॉई थी
ऐसा माना जाता है
ओर यही से शुरू हुआ था अंडरवर्ल्ड कनेक्शन,
फ़िल्म सनम के निर्माता समीर हिंगोरा ओर हनीफ जिनके साथ संजय फ़िल्म कर रहे थे उन्होंने संजय को कुछ हेंड ग्रेनेट ओर 3बंदूके उपलब्ध करवाई थी जैसा मुम्बई पोलिस ने बताया
संजय ने एक बंदूक रख ली और पोलिस को बयांन दिया कि खुद की ओर परिवार की सुरक्षा के लिए बंदूक रख ली थी
लेकिन न्यायालय ने नही माना और तर्क दिया कि आपके पास 3 लायसेंस हथियार जब है तो अवैध हथियार क्यो
मुम्बई बम धमाके के बाद समीर ओर हनीफ गिरफ्तार हुवे ओर पता चला अंडरवर्ल्ड अबू सलेम के लिए काम करते है दोनो, इसी कनेक्शन में संजय भी गिरफ्तार हुवे
संजू
दोस्तो संजय दत्त की ज़िंदगी
किसी फिल्मी कथा से कम नही रही है
राजकुमार ने बायोपिक बना कर निश्चित ही कोई सट्टा नही खेला
संजय की ज़िंदगी नामा हर भारतीय जानना चाहता है
ख़ैर इसी में रख कोशिश हमारी भी ,,,
संजू पर कुछ तथ्य पता चले है जो कि फ़िल्म में होंगे या नही इसका इंतजार रहेगा
पिता देश मे शासित पार्टी के सांसद होने के साथ सफल कलाकार
माता भी आले दर्जे की स्टार
देश के सबसे बड़े गांधी  घराने में आना जाना रसूख
तो पैदा करता ही है
नरगिस जब सुनील दत्त से शादी करना चाहती तो राज कपूर राजी नही थे तो
इंदिरा गांधी ने राजकपूर को फोन पर समझा कर (धमका कर चुप किया था)
सुनील दत्त ने मदर इंडिया में शूट में लगी आग में से जान जोखिम में डालकर नरगिस को बचाया था तब से नरगिस सुनील पर मोहित हो गई थी
लेकिन राज कपूर-नरगिस के प्रेम प्रसंग देश भर की फिल्मी किताबो अखबारों  की रोनक थे
राज कपूर नरगिस को खोना नही चाहते थे लेकिन नरगिस ने राज की मनमानी इंदिरा गांधी को बताई तो इंदिरा ने दोस्ती के नाते हस्तक्षेप किया और इंदिरा का कद उस वक्त इतना बड़ा था कि राजकपूर बात नही मानते तो शायद देश छोड़ना पड़ जाता
खैर
यह सुनील नरगिस की भूमिका जिनके आंगन में संजू खिला
नरगिस का असली नाम फातिमा रशीद था
1959 को संजू ने दत्त परिवार में जन्म लिया
सुनील दत्त- नरगिस फातिमा सफल कलाकारों में शुमार थे
संजू के पैदा होने से पहले
नरगिस सुनील ने एक पत्रिका में विज्ञापन दिया कि लड़का-लड़की का नाम तजवीज(सजेस्ट) करो
उसमे एक नाम आया संजय
नरगिस को यह नाम इतना पसन्द आया कि उन्होंने कहा कि लड़का हुवा तो नाम संजय रखेगे
ओर संजय की शुरूआत हुई
संजय जब 9 साल के थे तब पहली बार पिता के एशट्रे में पड़ी आधी सिगरेट जला कर पी थी
लेकिन यह हरकते बढ़ती चली गई
सुनील ने अपनी राजनीतिक गुरु इंदिरा गांधी से विचार किया
तो संजू को बोर्डिंग स्कूल भेजने की सलाह दी
फिर उस पर अमल कर लिया गया तो संजू 9 साल बाद वहां से वापस आए
संजू एगे पड़ना नही चाहते थे लेकिन सुनील ग्रेजुएशन पर अड़े रहे और उनका दाखिला मुम्बई के एलबेन्स्ट कॉलेज में करवाया गया
लेकिन संजू पहले साल में मात्र  या 2 दिन ही कालेज गए, यही वह वक्त था जब संजू को हेवी ड्रग्स की आदत पड़ गई थी ,,
कालेज के दिनों में उन्हें एक्टर बनाने का मन मे आया
उन्होंने यह बात सुनील दत्त से सांझा की
सुनील ने कहा आसान नही है,
पहले 2 साल अभिनय की ट्रेनिंग लो फिर बात करेंगे, संजू फौरन तैयार हो गए,
संजय की पहली फ़िल्म के रिलीज के दौरान नरगिस का कैंसर अंतिम पड़ाव में था फ़िल्म रिलीज हुई 8 मई को ओर 3 मई को नरगिस दुनिया से रुखसत हो गई
तो संजय ने थियेटर में एक सीट खाली छोड़ी अपनी माँ की याद में टिना मुनीम ओर संजय रॉकी के सेट पर मिले थे और संजय उन्हें अपना दिल दे बैठे, दोनो का 2 साल तक अफेयर भी चला लेकिन ड्रग्स के चलते ओर चिड़चिड़े व्यवहार के कारण यह ब्रेकअप हो गया|
रॉकी के आउटडोर शूट के दौरान एक आदमी टीना को झेड रहा था तो संजू ने उस आदमी को खूब मारा था
संजू ने खुद यह बात कुबूल की थी एक साक्षात्कार के दौरान,,
अलग होने के बावजूद संजय टीना के लिए समर्पित थे
टीना ऋषि कपूर की एक फ़िल्म शूट में उठे गॉसिप पर संजू अपने दोस्त गुलशन ग्रोवर के साथ ऋषि कपूर को उनके घर मारने पहुच गए थे
तो नीतू सिंह ने मामला हैंडल किया और निपटाया था
उसी दौर में संजू बोल्ड अदाकारा किमी काटकर के अफेयर में पड़ गए लेकिन ड्रग्स के चलते यह अफ़ेयर भी रायेगा(खत्म)हो गया
ड्रग्स के चलते एक दिन संजू सो कर उठे तो उनके नोकर उनकी हालत देख कर रोने लगे थे
क्योकि संजू 2 दिन बाद सो कर उठे थे
लेकिन संजू ने खुद को ड्रग्स से अलग करने का मन बना लिया और अपने पिता से नशा मुक्त केंद्र जाने की बात की
सुनील ने उन्हें अमेरिका के एक रिहेब(नशा मुक्ति केंद्र) भिजवा दिया जहां वह एक शख्स से मिले जिसने संजू को अमेरिका में खेतीबाड़ी का कामकाज का न्योता दिया और संजू ने मन बना लिया वही रूक कर काम करने का
लेकिन सुनील दत्त ने कहा कि एक बार फिल्मो में कोशिश कर लो
संजू ने अनमने मन से फिर फिल्मो का रूख किया
संजू अमेरिका के रिहेब सेंटर में अर्नाल्ड स्वाजरेगर की फिल्मे देख कर प्रेरित हो गए थे
इंडिया आते ही उन्होंने शरीर सोष्ठव (बॉडी बिल्डिंग)पर काम शूरू कर दिया
इसके बाद संजू ने 2 फिल्मे की लेकिन दोनों पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई जिसमे एक थी जान की बाजी,
अब संजू को एक अदद हिट फिल्म की ज़रूरत थी और महेश भट्ट से फ़िल्म नाम मिली
यही से शुरू हुई संजू की दूसरी पारी फिल्मो में,,,
नाम की कामयाबी ने संजू को फिर से स्थापित कर दिया ओर समीक्षकों ने संजू के अभिनय का लोहा माना,
नाम के साथ संजू को फिल्मे मिलने लगी
सन 1996 संजू के लिए बढ़िया जा रहा था ड्रग्स को समस्या खत्म हो गई थी
तभी उनकी मुलाकात ऋचा शर्मा से हुई, दोनो की मुलाकात ओर एक साल में शादी कर ली 1998 में संजू के घर मे बेटी त्रिशा का जन्म हुवा, 6 महीने बाद ही त्रिशा को ब्रेन ट्यूमर की बीमारी ने घेर लिया
ओर ऋचा को अमेरिका, न्यूयार्क के उसी अस्पताल में दाखिल किया जहां नरगिस का इलाज हुवा था
संजू के लिए वह वक्त बेहद मुशक्कत भरा था
क्योकि एक तरफ केरियर दूसरी तरफ अमेरिका में भर्ती पत्नी
इसी दौर में संजू माधुरी दीक्षित पर मोहित हो गए और दोनो का अफेयर भी रहा
ऋचा ने कई साक्षात्कार में खुला कहा है कि माधुरी के कारण उनकी शादीशुदा जिंदगी खराब हुईं है
सूत्रों की माने तो संजय के जेल जाने के कारण माधुरी ने खुद को अलग कर लिया और कभी जेल में मिलने भी नही गई
इसी कारण दोनो ने फाई कभी कोई फ़िल्म नही की
ऋचा ओर संजय की तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई तो बेटी त्रिशा की कस्टडी संजू ने मांगी लेकिन संजू के परिवार ने कहा वह बच्ची अमरीका में पली है उसे वही बड़ा होने दिया जाए ऋचा के परिवाई के साथ ही
जब ट्रिशना 10 साल की हुई तो संजू को कस्टडी मिली
लेकिन संजू के परिवार ने बच्ची को अमेरिका में ही रहने की सलाह दी
लेकिन अपने घर आने जाने की कोई पाबंदी भी नही रखी
आज भी संजू ट्रिशना से जुड़े हुए है
फ़िल्म साजन के लिए आमिर खान को अप्रोच किया गया था लेकिन आमिर किसी नए निर्देशक के साथ काम नहीं करना चाहते थे
तो यह किरदार संजय को मिला यही वह फ़िल्म थी जिसके लिए संजू पहली बार फ़िल्म फेयर के लिये नामित हुवे
1992 की फ़िल्म यलगार वेसे तो फ्लॉप फिल्मो में शुमार होती है लेकिन फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक फिरोज खान ने संजय की मुलाकात दुबई में दाऊद से करवॉई थी
ऐसा माना जाता है
ओर यही से शुरू हुआ था अंडरवर्ल्ड कनेक्शन,
फ़िल्म सनम के निर्माता समीर हिंगोरा ओर हनीफ जिनके साथ संजय फ़िल्म कर रहे थे उन्होंने संजय को कुछ हेंड ग्रेनेट ओर 3बंदूके उपलब्ध करवाई थी जैसा मुम्बई पोलिस ने बताया
संजय ने एक बंदूक रख ली और पोलिस को बयांन दिया कि खुद की ओर परिवार की सुरक्षा के लिए बंदूक रख ली थी
लेकिन न्यायालय ने नही माना और तर्क दिया कि आपके पास 3 लायसेंस हथियार जब है तो अवैध हथियार क्यो
मुम्बई बम धमाके के बाद समीर ओर हनीफ गिरफ्तार हुवे ओर पता चला अंडरवर्ल्ड अबू सलेम के लिए काम करते है दोनो, इसी कनेक्शन में संजय भी गिरफ्तार हुवे
मुन्ना भाई mbbs के लिए राजकुमार हिरानी ओर विदू विनोद की पहली पसंद शाहरुख खान थे लेकिन शाहरुख ने मना कर दिया तो यह किरदार संजय की झोली में आया फिर शुरू हुई संजय की तीसरी फिल्मी पारी जिसमे संजय को अपार सफलता दी साथ ही मुन्ना भाई का लक़ब भी संजय को मिला
इसी फिल्म में संजय सुनील दत्त ने पर्दा सांझा किया
इससे पहले रॉकी, क्षत्रीय फिल्मो में भी दोनो ने काम किया लेकिन स्क्रीन शेयर पहली बार इसी फिल्म में की
इस फ़िल्म के अंत मे
सुनील संजय से बोलते है
“तेरी मा को तो बहुत झप्पी दी है तूने आज जादू की झप्पी मुझे भी दे दे””
यह सीन इतना ज्यादा भावनात्मक था कि
तो  दोनो बाप बेटे गले लगते है और सीन कट के बाद भी दोनो बहुत देर तक अलग नही होते
फ़िल्म ब्लफ मास्टर में जो किरदार अभिषेक बच्चन ने किया वह किरदार संजय को ऑफर हुवा था और रितेश देशमुख वाला किरदार अभिषेक को
लेकिन संजय की डेट्स प्रॉब्लम के चलते बात नही जमी, तो फ़िल्म अभिषेक की झोली में चली गई
जब रिया ओर संजय का रिश्ता असहज था तभी उनकी ज़िंदगी मे मान्यता आई
जो कि एक संघर्षरत अभिनेत्री थी ओर संजय ने ही उन्हें फ़िल्म गंगाजल में एक आइटम सॉन्ग के लिये रीकमेन्ट किया था
उन्ही दिनों
मान्यता में एक फ़िल्म की थी
“लवर्स लाइक अस” जो बेहद बोल्ड सीन से भरपूर थी, बाद में संजय ने इस फ़िल्म के तमाम अधिकार खरीद लिए ओर मार्केट से सीडी, डीवीडी तक उठवा ली थी
फिर 2008 में मान्यता से विवाह कर लिया
2009 में संजय ने समाजवादी पार्टी के साथ राजनीति में प्रवेश किया
लेकिन उच्चतम न्यायालय ने मामला विचारधीन होने के कारण
उनका चुनाव नामांकन रद्द कर दिया जो कि नियमानुसार था
फ़िल्म अग्निपथ 2012, के किरदार कांचा चीना के लिए नाना पाटेकर पहली पसंद थे,
नाना के मना करने पर
फिर संजू ने नकारात्मक भूमिका मिली, भूमिका निभाई ओर एक नया रूप प्रस्तूत किया
इस किरदार के लिए संजू को खूब तारीफे मिली,
संजय रॉक म्यूजिक बहुत पसंद करते है उनके पसंदीदा बेंड है गन्स &,रोसेस,पिंक फ्लोईड
जब 2012 में गन्स & रोसेस का कन्सर्ट मुम्बई इंडिया में हुवा था तो संजू ने अपनी निजी वैनिटी वैन मोहिया करवॉई थी
2013 में जब वह वक्त आया कि उच्चतम न्यायालय ने संजू को 5 साल की सज़ा पर मुहर लगाई जिसमे संजू 18 महीने की सज़ा काट चुके थे तो बाकी सज़ा के लिए संजू जेल गए
जेल से पैरोल पर संजू बार बार बाहर आ रहे थे पैरोल कुल मिलाकर 6 महीने की थी, जेल में संजू पेपर बैग के अलावा जेल के कैदियों के लिए R J का काम भी करते थे
पेपर बैग से हुई कूल कमाई 30 हज़ार रूपये संजू ने जेल की कैंटीन में खर्च कर दिये थे कूल 450 रुपये बचे थे जो कि उनहोने अपनी पत्नी मान्यता को दे दिए थे
संजू के अच्छे चाल चलन को देखते हुवे 60 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया,
जेल से निकलते वक्त संजू ने जेल में लगे राष्ट्रध्वज को सलामी दी और धोक देकर
सम्मान जताया, ओर खुद के बफलाव बयान किये
इसके बाद संजू की पहली फ़िल्म आई
भूमि
संजू चाहते थे यह फ़िल्म उनकी बेटी त्रिशला के जन्म दिन पर प्रदर्शित हो फ़िल्म फ़िल्म की प्रदर्शन तारीख को 12 अगस्त किया गया जो कि संजय की बेटी की जन्म दिन भी है
फ़िल्म संजू के लिए सुनील दत्त का किरदार संजय खुद करना चाहते थे लेकिन फिर आमिर को ऑफर किया लेकिन अमीर दंगल के बाद बूढ़ा किरदार नहीं करना चाहते थे, तो परेश रावल को अंतिम किया गया
यह कुछ तथ्य थे हमारे पास संजय दत्त से जुड़े हुवे
अब अगले महीने देखेगे
इसमे से कितने तथ्य संजू में देखने को मिलेंगे

 #इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।