तोहफा

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sanjay
एक पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया /
कि वह उसकी छह कमियाँ बताए ?
जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए /
पति यह सुनकर हैरान रह गया /
और असमंजस की स्थिति में पड़ गया  ?
सोचा कि मैं बड़ी आसानी से /
उसकी ६ बातों की सूची थमा सकता हूँ /
जिनमें सुधार की नितांत ही आवश्यकता है /
ये  ईश्वर भी भलीभांति जानता है /
कि मैं ६० कमियों की सूची थमा सकता हूँ /
मैंने पत्नी से बोला की मुझे सोचने वक्त दो /
मैं तुम्हें सुबह इसका जबाब दे दूँगा /
पति अगली सुबह जल्दी ऑफिस गया /
फूल वाले को फोन करके उसने कहाँ /
मेरे घर पर छह गुलाबों का तोहफा भेज देना /
साथ में ये पत्र भी लगा देना , जो मेरी पत्नी के नाम का है /
पत्नी तोहफे को देखकर प्रसन्न होती है /
और बड़े ही प्यार से उस पत्र को खोल कर पड़ती है /
मुझे तुम्हारी छह कमियाँ नहीं मालूम प्रिये /
तुम जैसी भी हो मुझे बहुतअच्छी लगती हो /
ये पढ़कर उसकी आँखो से आंसू गिराते है /
सच कहते हो आप, क्योकि बहुतअच्छे आप हो /
जीवन की गाड़ी इसी तरह प्यार से चलती है /
कुछ तुम समझो , कुछ हमें समझे /
तो जीवन की मिठास बढ़ जाएगी /
शिकवे शिकायतों से तो तकरार बढ़ जायेगा
और मंदिर जैसा घर हमारा नरक बन जायेगा /
ज़िन्दगी का ये हुनर भी, आज़माना चाहिए /
जंग अगर अपनों से हो, तो हार जाना चाहिए  /
क्योकि हार जाने में भी मेरी जीत है /
विकल्प इस तरह का सत्य साबित हुआ हैं ।
तभी तो हमारा घर एक मंदिर जैसा बना है /
इसलिए यथासंभव जीवन में सराहना करने में कंजूसी न करें और आलोचना से बचकर रहने में ही समझदारी है और अक्लमंदी है ।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।