कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गुजरात दौरे से केन्द्र की भाजपा सरकार में हड़कम्प मचा हुआ है। ‘जीएसटी’ में बदलाव इसकी ताज़ा मिसाल है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने गुजरात में जीएसटी के मौजूदा स्वरूप में बदलाव करने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि साल २०१९ के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी में बड़े बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने पर हम ऐसा जीएसटी लेकर आएंगे,जिससे आपको फ़ायदा होगा। आपके मुताबिक़ हम काम करेंगे। हम आपकी बात को सुनेंगे। राहुल गांधी के इस बयान के बाद केन्द्र की भाजपा सरकार में खलबली मच गई और सरकार को जीएसटी में बदलाव करना पड़ा। गुवाहाटी में शुक्रवार को सम्पन्न जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स में राहत देने का ऐलान किया। इसके तहत रोज़मर्रा की १७८ वस्तुओं को २८ फ़ीसद से हटाकर १८ फ़ीसद की श्रेणी में लाया गया है। कुल २०० वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। अब सिर्फ़ ५० लग्ज़री चीज़ें ऐसी बची हैं,जिन पर अधिकतम २८ फ़ीसद कर लगेगा। ग़ौरतलब है कि पिछली १ जुलाई से देश में लागू नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (जीएसटी) में कर की पांच श्रेणी-०, ५,१२,१८ व २८ फ़ीसद हैं।
जीएसटी में बदलाव पर पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने कहा है कि गुवाहाटी बैठक में ’राहतों की बारिश’ होनी ही थी,क्योंकि ’ख़ौफ़ज़दा मोदी सरकार’ के पास इसके सिवा कोई और चारा नहीं था। सरकार अगले माह होने वाले गुजरात चुनाव की वजह से टैक्स घटाने को मजबूर हुई है।जीएसटी में संशोधन के फ़ौरन बाद राहुल गांधी ने फिर से भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताते हुए कहा कि,हम इसे किसी भी सूरत में देश पर थोपने नहीं देंगे। इतना ही नहीं,उन्होंने भाजपा सरकार को कई नसीहतें दीं। उन्होंने जीएसटी को और आसान बनाने के लिए सरकार को तीन मश्विरे भी दिए। पहला, जीएसटी ढांचे के बुनियादी ख़ामी को दूर करते हुए भारत को ‘जेन्यूइन सिंपल टैक्स’ दें। दूसरा,सिर्फ़ लच्छेदार बातों से देश का वक़्त बर्बाद न करें, और तीसरे मश्विरे में राहुल गांधी ने मोदी का नाम लिए बिना कहा कि आप अपनी अक्षमता स्वीकार करें। अहंकार ख़त्म कर देश के लोगों की बात सुनें। जीएसटी पर राहुल गांधी का कहना है कि,जीएसटी में एक रेट और इसे सिम्पल टैक्स बनाया जाए। देश को पांच तरह का नहीं,बल्कि एक टैक्स चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी ने लोगों के काम-धंधे बर्बाद कर दिए,गुजरात ही नहीं,पूरे देश का यही हाल है। राहुल गांधी इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं। उनका यह दौरा नवसृजन गुजरात यात्रा के तहत हो रहा है,जो १३ नवंबर को महेसाणा के विसनगर में ख़त्म होगा। क़ाबिले-ग़ौर है कि यह वही जगह है,जहां जुलाई २०१५ में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की शुरुआत हुई थी,जिसने केन्द्र की भाजपा सरकार को हिलाकर रख दिया था। सनद रहे कि, गुजरात की १८२ विधानसभा सीटों के लिए इस बार दो चरणों में चुनाव होगा। राज्य में ९ और १४ दिसंबर को मतदान होगा,जबकि चुनाव नतीजे १८ दिसंबर को आएंगे। यहां अहम मुक़ाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में है,जो १९ साल से लगातार सत्ता पर क़ाबिज़ है।बहरहाल, गुजरात में राहुल गांधी को ख़ासा जन समर्थन मिल रहा है। उनकी सभाओं में लोगों का हुजूम जुटा रहता है। राहुल गांधी अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना लोगों से मिल रहे हैं,उनके बीच जा रहे हैं। उनके सुख-दुख बांट रहे हैं। उनकी मेहनत कितना रंग लाती है,ये तो चुनाव के बाद पता चलेगा, लेकिन इतना ज़रूर है कि केन्द्र की भाजपा सरकार राहुल गांधी से ख़ौफ़ज़दा नज़र आ रही है और उसके मंत्री राहुल गांधी के सवालों के जवाब तलाशने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
#फ़िरदौस ख़ान