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जब मेरे संग वो आया करता था,
मौसम भी हसीन हो जाया करता था।
ख़्वाबों में आ-आकर इठलाता था वो,
साँसों को मेरी महकाया करता था।
ज़िक्र उसका जब भी आया करता था,
रोम-रोम ये मुस्कुराया करता था।
जीवन का आधार मेरा राज़दार वो,
जुल्फों में मन को उलझाया करता था।
दिल में उसके रहती थी धड़कन जैसी,
बेशुमार प्यार वो लुटाया करता था।
पास न देखूँ पल भर तो मन बैचेन,
रुह को मेरी वो तड़पाया करता था।
काजल,झुमके,मेहन्दी और कंगन,
मेरा हर नाज़ वो उठाया करता था॥
#रागिनी शर्मा (स्वर्णकार)
परिचय : रागिनी शर्मा (स्वर्णकार) की जन्मतिथि-१ मई १९७२ तथा जन्म स्थान-बेगमगंज (रायसेन)है। बी.एस-सी.,एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी साहित्य) शिक्षित होकर आपका कार्यक्षेत्र-व्याख्याता का है। वर्तमान में मध्यप्रदेश के इंदौर में सिलिकॉन सिटी में आपका निवास है। सामाजिक क्षेत्र-गतिविधि में अध्यापन, सामाजिक-साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आपकी सक्रिय सहभागिता है। विधा-हिंदी गीत,मुक्तक, अतुकांत और ग़ज़ल है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सकारात्मक विचारों का विस्तार करना है।
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