रहने दो

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anju jindal
और मत सोचो,
क्या सोच-सोचकर
प्रेम किया करोगे…
इन चिड़ियों को
देखो,
दाना चुगते-चुगते भी
प्रेम में होती हैंl
उस पेड़ की हर
शाख से प्रेम है इनको,
जहाँ तिनका-तिनका जोड़
घोंसला बनाना
सीखा था इन्होंनेl
उन हवाओं से भी
प्रेम है इनको,
जिन्होंने
गिराए थे इनके पहले
आशियाने..
बस माँग ली थी
माफी,
और इनके परों को
आसमान की ओर उठा दिया था..
इतने भर से ही
विश्वस्त हैं ये
तुम भी भरोसा कर
लो..
भुला दो सारे
विषाद,
बिसरा दो सारे
वैरागl
तुम बाध्य नहीं हो,
बस एक बार
अपनी कर्मधूली
लगाकर देखो मस्तक पर,
जैसे चिड़िया
चोंच में भर लाती है
एक घूंट पानी..
बुझा लेती है
जन्मों की प्यासl
नहीं बाँचा
उसने किसी प्रेम पोथी
को,
कोई प्रेम
व्याकरण भी नहीं सीखाl
चिड़िया की नईं
फुनगियों पर
फुदक लेने से
और बारिश के
दिन
पेड़ का थोड़ा
झुक जाने भर से
प्रेम की
अभिव्यक्ति छू जाती है
दोनों के तन-मन कोl
तुम भी एक बार
जीवन-मृत्यु के,
इस अमृत तत्व को
चखकर तो देखो,
एक बार प्रेम
करके देखो
अपनी जन्मधूली से…ll
#अंजू जिंदल
परिचय : श्रीमती अंजू जिंदल का नाता पंजाब राज्य  भटिंडा से हैl आपकी शिक्षा बीएससी और बीएड हैl  आप बैंक कर्मचारी होकर लेखन में सक्रिय हैंl प्रकाशित साझा संकलन में-कुछ यूँ बोले अहसास,एहसास की दहलीज़ परऔर खनक आखन की आदि हैl

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।