हारकर बैठा हुआ आदमी

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pradeep mishr
हर आदमी के अन्दर
कम-से-कम
एक आदमी और रहता है,
यानि एक आदमी कम-से-कम
दो आदमी के बराबर होता है,
कई बार तो हजारों आदमियों के बराबर।
एक आदमी के सामने,
एक समय में कम-से-कम
दो दुनिया होती है,
कभी-कभी तो इतनी सारी दुनिया कि,
उसे होश ही नहीं रहता कि
जीवन का कितना हिस्सा,
किस-किस दुनिया में गुजरा।
आदमी जब तक जीतता रहता है,
एक भीड़ दौड़ती रहती है
उसके साथ
जब हारने लगता है,
छंट जाती है भीड़
अकेला पड़ जाता है,
फिर भी अदंर के आदमी होते हैं
उसके साथ।
आदमी थक-हारकर जब बैठ जाता है,
मरने लगते हैं उसके अन्दर के आदमी
सिर्फ हाँफती हुई दुनिया बचती है,
उसके सामने।
थक-हारकर बैठा हुआ आदमी,
ज्यादा से ज्यादा
एक आदमी के बराबर भी नहीं होता है।
                                                                                                       #प्रदीप मिश्र
परिचय: प्रदीप मिश्र का जन्म १ मार्च १९७०का और जन्म स्थान गोरखपुर( उत्तर प्रदेश)है। आपकी कुछ प्रमुख कृतियाँ कविता संग्रह-फिर कभी तथा उम्मीद,वैज्ञानिक उपन्यास-अन्तरिक्ष नगर तथा बाल उपन्यास -मुट्ठी में किस्मत (२००९) प्रकाशित है। आपने कवि अरूण आदित्य जी के साथ साहित्यिक पत्रिका का संपादन और कुछ अखबारों में पत्रकारिता भी की है। साठोत्तरी हिन्दी कविता पर कुछ समीक्षात्मक कार्य किया है तो आलेख सहित रचनाएँ दूरदर्शन व आकाशवाणी से प्रसारित हुई है। आपको पुरस्कार भी मिले हैं। लेखन क्षेत्र में करीब २० वर्ष से हैं। 

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।