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17 वर्ष के जगदीश छात्र ने
आजादी का इतिहास लिखा
करो या मरो के आंदोलन में
तिरंगे पर बलिदान लिखा
तीन गोलियां खाकर उसने
इंकलाब को बुलंद किया
हरिद्वार के पावन गंगा तट से
राष्ट्र प्रेम को प्रत्यक्ष किया
प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने
बलिदान को उनके नमन किया
पाठ्यक्रम में गाथा उनकी
आजतक भी नही आ पाई है
गाथा उनकी फाइलों में दब गई
हमने यही तो आजादी पाई है!
#श्रीगोपाल नारसन
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