बहन की भाई के लिए पुकार

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durvesh
आ जाओ भैया याद आपकी बहुत रुलाती है मुझको,
भैया रक्षाबंधन पर राखी गुम-सुम करती है मुझको॥
माँ कहती थी ये भैया की रक्षा के लिए बांध दे इसको,
भैया क्या राखी का प्यार निभाना नहीं आया मुझको॥
आ जाओ भैया आँखों का पानी सूख गया गले लगाओ मुझको,
माँ का बुरा हाल है भैया आकर धीर बंधाओ उसको॥
होली गई,तीज गई ,सब त्यौहार चले जाते हैं,
एक आप नहीं आते,हम सब सूने रह जाते हैं॥
ये कैसी कसम कैसी ड्यूटी है भैया,अपने पराए हो जाते हैं,
अपनों को छोड़ अपने कातिलों को बचाने जाते है॥
बचपन की वो लड़ाई आज भी मुझे याद आती है,
भैया हर पल मुझे आपकी याद बहुत रुलाती है॥
कैसी ये देश भक्ति हो गई,बहना भी आज पराई हो गई,
जिसके लिए जान छिड़कता था,उसके लिए ड्यूटी जरूरी हो गई॥
भैया अब में कहाँ-किस घर किस शहर जाऊँगी,
आपके बिना अब भैया में भी मर जाऊँगी॥
‘आदित्य’ किससे कहेगी ये अपने दिल का हाल अब,
जीते जी अब ये घुटकर ही मर जाएगी॥
अगर हो यही हाल फ़ौज का,तो सभी से कह के जाएगी,
फ़ौज में भेजने से अच्छा भैया को घर में बैठा के सजाऊंगी॥
आदित्य बजरंगी (दुर्वेश चौधरी)
                                                                                       #बजआदित्यरंगी (दुर्वेश चौधरी)
परिचय: बजआदित्यरंगी (दुर्वेश चौधरी) उत्तरप्रदेश के बुलंद शहर जिले के डिबाई तहसील से हैं। आप चिकित्सा की पढ़ाई अलीगढ़ हॉस्पिटल से कर रहे हैं। उम्र 23 साल है। लिखना आपका शौक है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।