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घर बिजलियों की रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमग-जगमग कर रहा था। दरवाजे फूलों और वंदनवार से सजे हुए थे। मंदिर में ठाकुर जी अपनी राधारानी के साथ मंद-मंद बांसुरी की धुन से वातावरण सुवासित कर रहे थे। एक तरफ घर में मधुर संगीत की ध्वनि से ‘हम आपके हैं कौन’ फिल्म के गाने से सबको आनंदित कर रहे थे तो दुल्हन का श्रंगार अच्छी सौन्दर्य विशेषज्ञा से होने की वजह से और भी उसके चेहरे पर चार चाँद लगा रहा था। घर रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों की रौनक से चहल-पहल कर रहा था। बारात के आने का इंतजार सभी कर रहे थे,तभी दूर से शहनाई की धुन सुनाई दी और बच्चे दौड़कर ‘बारात आ गई’ का शोर करते हुए द्वार की तरफ जाने लगे। बारातियों का भव्य स्वागत और कुछ रस्मों के बीच बारात मंडप तक पहुँची। दुल्हन का श्रंगार इतना सुंदर प्रतीत हो रहा था,मानो कोई दूल्हा अपनी दुल्हन को चाँद के पार से लेने आया हो। आजकल की अच्छी आधुनिकता एवं दूल्हे के पिताजी ने दहेज में केवल ‘सवा रुपया’ ही स्वीकार कर बाकी राशि ‘दुल्हन ही दहेज है’ कहकर सभी को चकित कर दिया तो बदलते भारत की तस्वीर स्पष्ट रूप से नजर आ रही थी। ‘अच्छे दिन’ आ गए हैं ,ऐसा प्रतीत हो रहा था। ‘स्वच्छ भारत’ हरेक कहे रहा था। माता-पिता का आशीर्वाद पाकर दूल्हा-दुल्हन और सभी बाराती रवाना हो चुके थे। और पीछे रखे डीजे पर हल्की-हल्की धुन में ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ के बाद ‘साड्डा चिड़ियाँ दा चंबा वे’ मद्धम आवाज में बज रहा था।
#रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’
परिचय : कवियित्री रीता अरोड़ा साहित्यिक रूप से जय हिन्द हाथरसी के नाम से जानी जाती हैंl.आप स्थायी रूप से दिल्ली में ही निवास करती हैंl.जन्म १९६४ में हाथरस (जिला अलीगढ़,उत्तर प्रदेश) में होने के बाद बीए और बीएड की शिक्षा प्राप्त की तथा लेखन में उतर आईl.जीविका के लिए आपने भाई-बहिन का सहयोग लेने के साथ ही कोरियर कंपनी में कार्य भी कियाl..कवि इंद्रजीत तिवारी और निर्भीक जी वाराणसी के साथ ही काव्य की शिक्षा राष्ट्रीय कवि संगम (दिल्ली) से हासिल की हैl.आपकी प्रेरणा का स्त्रोत जगदीश मित्तल(संस्थापक-राष्ट्रीय कवि संगम) रहे हैं, तो मार्गदर्शक अशोक कश्यप हैंl..
साहित्य लेखन में परिवार और मित्रजनों का सहयोग मिलता हैl पुस्तकें पढ़ना,धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण एवं लेखन कार्य ही आपका मनपसंद काम है l
सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर आप समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ी हुई हैंl देशसेवा,पशु-पक्षियों व जानवरों से लगाव तथा साहित्य से प्रेम के साथ ही पसंदीदा खेल-बैडमिंटन,कैरम और शतरंज हैंl साहित्य में उपलब्धि यही है कि,बहुत-सी पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित, समाचार-पत्रों में लेखन,कहानी,निबंध,शायरियां,दोहे, कविताएँ,हास्य लेख प्रकाशित होते रहते हैंl आपको विश्वगुरू भारत परिषद-2017 सम्मान,काव्य सम्मान,जय हिन्द मंच से सम्मान सहित प्रादेशिक स्तर पर भी काव्य सम्मान मिले हैंl आपका लक्ष्य हिन्दी साहित्य में योगदान देना और देशा में जागरूकता लाना हैl
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