अमर शहीद

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babulal sharma

आजादी के हित नायक थे,
.        उनको शीश झुकाते हैं।
भगत सिह सुखदेव राजगुरु,
.         अमर शहीद कहातें हैं।
*भगतसिंह* तो बीज मंत्र सम,
.          जीवित है अरमानों में।
भारत भरत व भगतसिंह को,
.            गिनते है सम्मानों में।

*राजगुरू* आदर्श हमारे,
.          नव पीढ़ी की थाती है।
इंकलाब की ज्योति जलाती,
.         दीपक  वाली  बाती है।
*सुख देव* बसे हर बच्चे में,
.          मात भारती चाहत है।
जब तक इनका नाम रहेगा,
.         अमर तिरंगा भारत है।

जिनकी गूँज सुनाई देती,
.          अंग्रेज़ों की छाती में।
वे हूंकार लिखे हम भेजें,
.          वीर शहीदी पाती में।
इन्द्रधनुष के रंग बने वे,
.          आजादी के परवाने।
उन बेटों को याद रखें हम,
.        वीर शहादत सनमाने।

याद बसी हैं इन बेटों की,
.          भारत माँ की यादों में।
बोल सुनाई देते अब भी,
.            इंकलाब के नादों में।
तस्वीरों को देख आज भी,
.            सीने  फूले  जाते हैं।
उनके देशप्रेम के वादे,
.       सैनिक आन निभाते हैं।

वीर शहीदी परंपरा को,
.        उनकी  याद  निभाएँगे।
शीश कटे तो कटे हमारे,
.       ध्वज का मान  बढ़ाएँगे।
श्रद्धांजलि हो यही हमारी,
भारत माँ के पूतों को।
याद रखें पीढ़ी दर पीढ़ी,
.          सच्चे  वीर सपूतों को।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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