गजब देश है मेरा..

0 0
Read Time1 Minute, 53 Second

 

manjit

गजब देश है मेरा भारत,नियम निराले ढोता है,
खुद के बनाए नियम का ही नित-२ खंडन होता हैl

मंदिर में चमड़े पर देखो,रोक लगाई जाती है,
लेकिन अंदर चमड़े वाली,ढोलक पाई जाती हैl

जो लाखों का सोना देखो,मन्दिर में चढ़वाते हैं,
भीख मांगने आता कोई,उसको सदा भगाते हैंl

जो मंदिर के रुपयों से ही,अपनी पीढ़ी पाले हैं,
केवल पैसा दिखता जिनको,कैसे वो रखवाले हैl

अंदर छप्पन भोग लगे है,देशी घी तर जाता है,
और बाहर भूख से कोई,भूखा ही मर जाता हैl

कुत्ते तक से शादी करते,मानव को दुत्कारे हैं,
भूत-प्रेत के चक्कर में वो,बन जाते हत्यारे हैंl

मानव के अंदर ही देखो,गलती ढेरों छांटे है,
परम्परा के नामों पर वो,पशुओं को भी काटे हैl

तरह-तरह के पासे फेंके,देखो वो तन जाता है,
आज व्यापार करने में वो,बाबा ही बन जाता हैl

जाने कितने लोग यहाँ पे,पीड़ाओं को झेल रहे,
साधू-संत बने जो बैठे,अस्मत से है खेल रहेl

अपने सुख को पाने खातिर,हवस यहां पे फैलाए,
मानवता का ह्रास करे जो,कैसे मानव कहलाएl

      #मन्जीतसिंह अवतार

परिचय : मन्जीतसिंह अवतार उत्तरप्रदेश में जिला हापुड़ की मीनाक्षी रोड पर रहते हैंl आपकी आयु करीब २७ साल हैl आपको काव्य लेखन का शौक हैl कवि सम्मेलनों में भी कविता पाठ करते हैंl 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

एहसास

Sat Jul 1 , 2017
पक्षियों की चहचहाहट से, एक एहसास रोज होता है मुझे, सुबह उठते ही घर की मुंडेर पर कुछ दाना-पानी रखने का। होता है यह एहसास, इसलिए भी कि- भोर होते ही पक्षियों का कलरव मुझे चेता जाता है अपने नन्हें बच्चों के साथ चिंच्याते,गुटर-गुं करते। मेरे ये मित्र, आते ही […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।